खामोश किलर! क्या आपको पता है? महिलाओं के हार्ट का पेन अलग क्यों होता है!
First Published Mar 25, 2025, 10:41 AM IST
Heart Disease In Women: महिलाओं में हृदय रोग के कारण, लक्षण और बचाव के तरीके जानें। हार्मोनल बदलाव, गर्भावस्था और तनाव हृदय स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं? पढ़ें विशेषज्ञ की राय।
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Women Heart Disease: हृदय रोग दुनिया भर में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए मृत्यु का प्रमुख कारण है, लेकिन महिलाओं के लिए यह विशेष रूप से जटिल हो सकता है। जैविक, हार्मोनल और जीवनशैली संबंधी कारक महिलाओं में हृदय स्वास्थ्य को अलग तरह से प्रभावित करते हैं।
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महिलाओं में हृदय रोग अलग क्यों होता है?
गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएँ, रजोनिवृत्ति और हार्मोनल उतार-चढ़ाव जैसी स्थितियाँ महिलाओं के हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाती हैं। इसके अलावा, महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण अक्सर पुरुषों से अलग होते हैं, जिससे निदान में देरी हो सकती है।

महिलाओं में हृदय रोग के 5 विशेष रिस्क फैक्टर
1. हार्मोनल चेंजेज
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यौवन, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति और हार्मोनल गर्भनिरोधक का उपयोग हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
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रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजन में गिरावट से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
2. असामान्य लक्षण
महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण पुरुषों से अलग हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
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सांस की तकलीफ
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थकान
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मतली
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जबड़े, पीठ या हाथ में दर्द
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क्लासिक सीने में दर्द कम आम होता है, जिससे निदान जटिल हो जाता है।
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3. गर्भावस्था से जुड़ी समस्याएं
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गर्भकालीन मधुमेह और प्रीक्लेम्पसिया जैसी स्थितियाँ भविष्य में हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
4. ऑटोइम्यून रोग
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ल्यूपस और रुमेटॉइड गठिया जैसी बीमारियाँ महिलाओं में हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
5. तनाव और अवसाद
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महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोग के बीच सीधा संबंध होता है।
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लंबे समय तक तनाव रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और हृदय की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

महिलाओं में हृदय रोग से बचाव के उपाय: 1. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
1. संतुलित आहार (balanced diet): फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा का सेवन करें।
2. नियमित व्यायाम (regular exercise): तेज चलना, तैरना या साइकिल चलाना हृदय को स्वस्थ रखता है।
3. वजन प्रबंधन (weight management): स्वस्थ वजन बनाए रखने से हृदय रोग का खतरा कम होता है।
4. धूम्रपान छोड़ें (quit smoking): धूम्रपान से हृदय की कार्यक्षमता पर गंभीर असर पड़ता है।

2. नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं (Get regular health checkups)
ब्लड प्रेशर की जांच: उच्च रक्तचाप का जल्द पता लगाने और नियंत्रित करने के लिए।
कोलेस्ट्रॉल की जांच: हृदय की सुरक्षा के लिए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखें।
शुगर की जांच: यदि आपका वजन अधिक है या परिवार में मधुमेह का इतिहास है, तो नियमित जाँच कराएँ।

3. हार्मोनल संतुलन बनाए रखें
रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोनल थेरेपी पर विचार करें, लेकिन डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
4. तनाव को करें नियंत्रित
ध्यान और योग करें: यह हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और तनाव को कम करता है।
पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी से हृदय पर दबाव बढ़ सकता है।
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