रक्षा बंधन पर प्रयोग की जाने वाली इन खास सात वस्तुओं का क्या है महत्व, यहां जानिए
First Published Aug 14, 2019, 3:00 PM IST
रक्षा बंधन का त्योहार भारत में सदियों से मनाया जाता है। इस मौके पर रक्षा सूत्र, जल से भरा कलश, कुंकुम, चावल, मिठाई, दीपक और नारियल जैसी सात वस्तुओं का हर साल जरुर प्रयोग होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनका क्या महत्व है। माय नेशन आज आपके सामने खोलेगा इन सात शुभ वस्तुओं का राज। आखिर क्यों इन सात वस्तुओं का इस्तेमाल रक्षा बंधन का त्योहार मनाने के लिए किया जाता है।
हमारे शरीर में कोई भी बीमारी इन दोषों से ही संबंधित होती है। रक्षा सूत्र कलाई पर बांधने से शरीर में इन तीनों का संतुलन बना रहता है। ये धागा बांधने से कलाई की नसों पर दबाव बनता है, जिससे ये तीनों दोष निंयत्रित रहते हैं। रक्षा सूत्र का अर्थ है, वह सूत्र (धागा) जो हमारे शरीर की रक्षा करता है। दरअसल, राखी बांधने का एक मनोवैज्ञानिक पक्ष भी है। बहन राखी बांधकर अपने भाई से उम्र भर रक्षा करने का वचन लेती हैं। भाई को भी ये रक्षा सूत्र इस बात का अहसास करवाता रहता है कि उसे हमेशा बहन की रक्षा करनी है।
ये परंपरा बहुत पुरानी है और आज भी इसका पालन किया जाता है। तिलक मान-सम्मान का भी प्रतीक है। बहन तिलक लगाकर भाई के प्रति सम्मान प्रकट करती है। साथ ही, अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर बहन उनकी लंबी उम्र की कामना भी करती है। इसलिए थाली में कुमकुम विशेष रूप से रखना चाहिए।
चावल को अक्षत कहा जाता है। इसका अर्थ है अक्षत यानी जो अधूरा न हो। तिलक के ऊपर चावल लगाने का भाव यह है कि भाई के जीवन पर तिलक का शुभ असर हमेशा बना रहे। चावल शुक्र ग्रह से भी संबंधित है। शुक्र ग्रह के प्रभाव से ही जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
इस संबंध में मान्यता है कि आरती उतारने से सभी प्रकार की बुरी नजरों से भाई की रक्षा हो जाती है। आरती उतारकर बहन कामना करती है कि भाई हमेशा स्वस्थ और सुखी रहे।
नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है। श्री यानी देवी लक्ष्मी का फल। यह सुख-समृद्धि का प्रतीक है। बहन भाई को नारियल देकर यह कामना करती है कि भाई के जीवन में सुख और समृद्धि हमेशा बनी रहे और वह लगातार उन्नति करता रहे।
इसी जल को कुमकुम में मिलाकर तिलक लगाया जाता है। हर शुभ काम की शुरुआत में जल से भरा कलश रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी कलश में सभी पवित्र तीर्थों और देवी-देवताओं का वास होता है। इस कलश की प्रभाव से भाई और बहन के जीवन में सुख और स्नेह हमेशा बना रहता है।
मिठाई खिलाना इस बात का प्रतीक है कि बहन और भाई के रिश्ते में कभी कड़वाहट न आए, मिठाई की तरह यह मिठास हमेशा बनी रहे।