बच्चों को हार्ट अटैक क्यों आता है? एक्सपर्ट्स ने बताए बचने के कुछ टिप्स
पहले दिल की बीमारियां सिर्फ बड़ों में ही देखने को मिलती थीं। लेकिन पिछले कुछ सालों से ये बच्चों में भी काफी बढ़ गई हैं। आखिर बच्चों को हार्ट अटैक क्यों आता है? इससे बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं।

बच्चों में हार्ट अटैक के कारण
आजकल छोटे बच्चों में भी हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ गया है। खासकर उनकी खाने-पीने की आदतें, लाइफस्टाइल, फिजिकल एक्सरसाइज की कमी और जेनेटिक कारणों जैसी कई वजहों से दिल की समस्याएं बढ़ रही हैं। ज्यादा चीनी, तला हुआ खाना, प्रोसेस्ड फूड और फास्ट फूड बार-बार खाने से भी बच्चों के दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है।
फिजिकल एक्सरसाइज की कमी
बच्चों का ज्यादातर समय टीवी, मोबाइल और वीडियो गेम्स में बिताना और सही फिजिकल एक्सरसाइज न करना कई समस्याओं की वजह बनता है। खासकर, उनका वजन बढ़ता है। ज्यादा वजन दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है। बच्चों का बाहर खेलना और प्रकृति के करीब रहना उन्हें एक्टिव और एनर्जेटिक बनाता है।
जेनेटिक समस्याएं
जेनेटिक कारण भी कम उम्र में हार्ट अटैक की वजह बन सकते हैं। अगर फैमिली हिस्ट्री में दिल की बीमारियां रही हैं, तो बच्चों में इसका खतरा बढ़ जाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और दिल की मांसपेशियों में खराबी जैसी समस्याएं जेनेटिक हो सकती हैं। इसलिए, माता-पिता को ऐसे बच्चों पर खास ध्यान देना चाहिए।
मानसिक तनाव
कभी-कभी मानसिक तनाव भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा देता है। कम उम्र में ज्यादा प्रेशर, स्कूल का दबाव, कॉम्पिटिशन और मानसिक चिंता दिल को कमजोर कर सकती है। स्कूल से आते ही होमवर्क का दबाव डालना, खेलने के समय में ट्यूशन भेजना, पढ़ाई के लिए जोर देना, भारी स्कूल बैग उठाना और लंच बॉक्स में ज्यादातर तला-भुना खाना देना जैसी बातें बच्चों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकती हैं, ऐसा एक्सपर्ट्स का मानना है।
बरतें ये सावधानियां
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बच्चों को हार्ट अटैक से बचाने के लिए माता-पिता को उनके खान-पान, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल, फिजिकल एक्सरसाइज और मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना चाहिए। बच्चों को सब्जियां, फल, कम फैट, कम चीनी वाले फूड्स और दालें जैसी हेल्दी डाइट दें। तला हुआ और प्रोसेस्ड फूड कम करना बेहतर है। हर दिन कम से कम 30–45 मिनट टहलने या खेलने के लिए निकालना सबसे अच्छा है।