क्या आप रात में पेशाब करने के लिए कई बार उठते हैं? जानिए इसके 5 प्रमुख कारण और ठीक करने के उपाय
First Published Mar 30, 2025, 12:04 PM IST
Bladder Problems: रात में बार-बार पेशाब आना (नोक्टुरिया) एक सामान्य समस्या नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी गंभीर संकेत हो सकता है। जानें इसके कारण, समाधान और इलाज।
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रात में एक या दो बार पेशाब करने के लिए उठना सामान्य हो सकता है, लेकिन यदि यह बार-बार होता है, तो यह आपकी नींद की गुणवत्ता और संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। रात में बार-बार पेशाब आना (नोक्टुरिया) सिर्फ़ उम्र बढ़ने से जुड़ी समस्या नहीं है, बल्कि यह मधुमेह, उच्च रक्तचाप, प्रोस्टेट विकार, स्लीप एपनिया और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याओं का संकेत भी हो सकता है।
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शोध क्या कहता है?
1. 30 वर्ष से अधिक उम्र के हर 3 में से 1 व्यक्ति को नोक्टुरिया की समस्या होती है।
2. 50 वर्ष से अधिक उम्र के 50% से अधिक लोग इससे प्रभावित होते हैं।
3. महिलाओं में 50 वर्ष की उम्र तक यह अधिक सामान्य होता है, लेकिन इसके बाद पुरुषों में अधिक बढ़ जाता है।

नोक्टुरिया (रात में बार-बार पेशाब) के मुख्य कारण: 1. देर रात खाने-पीने की आदतें
कुछ खाद्य पदार्थ और पेय आपकी किडनी को ज्यादा मूत्र उत्पादन के लिए उत्तेजित कर सकते हैं।
अत्यधिक मूत्रवर्धक खाद्य और पेय पदार्थ:
1. कैफीन युक्त पेय (चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स)
2. शराब और हर्बल चाय
3. ज्यादा पानी वाला खाना (तरबूज, संतरा, खीरा)
क्या करें?
1. सोने से 2 घंटे पहले तरल पदार्थों का सेवन कम करें।
2. रात में भारी भोजन और फल-सूप से बचें।

2. हार्मोनल परिवर्तन और उम्र बढ़ना
कैसे प्रभावित करता है?
A. उम्र बढ़ने के साथ एंटीडाययूरेटिक हार्मोन (ADH) का स्तर घटता है, जिससे किडनी अधिक मूत्र बनाती है।
B. रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी मूत्राशय की क्षमता को प्रभावित करती है।
C. पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना (BPH) मूत्र प्रवाह में रुकावट डाल सकता है।
क्या करें?
A. डॉक्टर से परामर्श लें और हार्मोन संतुलन का टेस्ट कराएं।
B. प्रोस्टेट स्वास्थ्य की निगरानी रखें।
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3. इंटरनल हेल्थ प्रॉब्लम्स
रात में पेशाब आना कई बीमारियों का प्रारंभिक संकेत हो सकता है।
संभावित बीमारियां:
A. मधुमेह: हाई ब्लड शुगर किडनी को अधिक पेशाब बनाने के लिए प्रेरित करता है।
B. उच्च रक्तचाप: ब्लड प्रेशर का उतार-चढ़ाव किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है।
C. स्लीप एपनिया: इस समस्या से ग्रस्त लोग गहरी नींद में नहीं जा पाते, जिससे वे बार-बार उठते हैं और पेशाब करने की इच्छा महसूस करते हैं।
क्या करें?
A. अत्यधिक प्यास, खर्राटे या थकान हो तो डॉक्टर से जांच कराएं।
B. नियमित ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की निगरानी करें।

4. पेशाब बढ़ाने वाली दवाएं
कुछ दवाएं रात में बार-बार पेशाब आने का कारण बन सकती हैं।
संभावित दवाएं:
A. मूत्रवर्धक (डाययूरेटिक्स) - ब्लड प्रेशर और हृदय रोग के लिए दी जाने वाली दवाएं
B. कुछ एंटीडिप्रेसेंट और मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं
क्या करें?
डॉक्टर से सलाह लेकर दवा का समय समायोजित करें।

5. नींद की गुणवत्ता में गिरावट
उम्र बढ़ने के साथ लोग गहरी नींद कम लेते हैं, जिससे हल्की उत्तेजनाएं भी उन्हें जगा सकती हैं।
क्या करें?
A. सोने का समय नियमित रखें।
B. स्क्रीन टाइम सोने से पहले कम करें।
C. बेडरूम को ठंडा और शांत रखें।
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें –
1. हर रात 2 से अधिक बार पेशाब के लिए उठना
2. अत्यधिक प्यास, खर्राटे या दिन में थकान
3. पेशाब के रंग या गंध में बदलाव
4. पेशाब के दौरान जलन या दर्द

रात में बार-बार पेशाब आने को रोकने के व्यावहारिक उपाय
1. तरल पदार्थों का नियंत्रण: रात में कम पानी पिएं और कैफीन-शराब से बचें।
2. मूत्राशय प्रशिक्षण: धीरे-धीरे पेशाब करने में देरी करके मूत्राशय को मजबूत करें।
3. दवाओं की जांच: डॉक्टर से सही समय पर दवा लेने की सलाह लें।
4. नींद सुधारें: स्क्रीन टाइम कम करें और स्लीप एपनिया की जांच कराएं।
5. स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करें: मधुमेह, बीपी और हार्मोन असंतुलन को नियंत्रित रखें।
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