जिसको नहीं नसीब थी दो जून की रोटी, उस मजदूर के बेटे ने रच दिया इतिहास, मेहनत के बूते अरशद नदीम ने जीता गोल्ड
First Published Aug 9, 2024, 10:54 AM IST
नई दिल्ली: पाकिस्तान के अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। राजगीर मजदूर के बेटे नदीम ने 92.97 मीटर की दूरी तक थ्रो करके ओलंपिक रिकॉर्ड तोड़ा और भारत के नीरज चोपड़ा को हराया।
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राजगीर मजदूर का बेटा बना जैमलिन थ्रो में विश्वविजेता
नई दिल्ली: पाकिस्तान यूं तो आतंकी पनाह देने वाले, गरीबी और महंगाई से जूझने वाले मुल्क के रूप में पहचाना जाता है, लेकिन इस मिट्टी में गढ़े गए कई ऐसे हीरे भी हैं, जिनकी चमक आज पूरे विश्व में बिखर रही है। इसी मिट्टी में रचे बसे और आज विश्व में अपनी मेहनत का लोहा मनवाने वाले एक इंटरनेशनल खिलाड़ी ने वो कर दिखाया, जिसकी लोग कल्पना मात्र करते हैं, वो भी खासकर उस तबके के बच्चे, जिसके घर में दो जून की रोटी का इंतजाम बामुश्किल से होता रहा हो। राजगीर मजदूर पिता के इस बेटे को खाने तक के लिए एक वक्त संघर्ष करना पड़ा था। आज उसी ने पूरे पाकिस्तानियों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
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पाकिस्तान के 7 में से छह खिलाड़ी असफल होकर लौटे
जब पाकिस्तान का राष्ट्रीय खेल बोर्ड यह तय कर रहा था कि पेरिस ओलंपिक के लिए जाने वाले सात एथलीटों में से किसे फंडिंग की जाए, तो केवल अरशद नदीम और उनके कोच ही मिले। नदीम और उनके कोच सलमान फैयाज बट भाग्यशाली थे, जिनके फ्लाईट टिकटों का फाईनेंसिंग PCB (पाकिस्तान खेल बोर्ड) द्वारा किया गया था। गुरुवार को पंजाब क्षेत्र के खानेवाल गांव के 27 वर्षीय इस युवा ने ओलंपिक रिकॉर्ड और दुनिया के सबसे बड़े खेल मंच पर देश का पहला पर्सनल गोल्ड मेडल जीतकर देश के भरोसे पर सौ टका खरा उतरा।
दो वक्त के खाने तक के लिए मोहताज थे असरफ नदीम
यह नदीम के लिए शांत संकल्प की कहानी रही है, जिसका परिवार अपनी पसंद का भोजन खरीदने के लिए भी संघर्ष करता था। टाॅप जैवलिन थ्रोवर नदीम 7 भाई-बहनों में तीसरे नंबर के हैं। उनके पिता एक राजगीर मजदूर थे। चूंकि पिता ही घर के एकमात्र कमाने वाले थे, इसलिए परिवार को साल में केवल एक बार ईद-उल-अज़हा के दौरान ही मांस खाने को मिलता था, जैसा कि अल जजीरा की एक रिपोर्ट में उनके बड़े भाई शाहिद अज़ीम के हवाले से बताया गया है।
जैवलिन थ्रो में शानदार प्रदर्शन करके रचा इतिहास
शुक्रवार की सुबह (IST) 6'3" के इस खिलाड़ी ने अपने जीवन के पूरे संघर्ष को एक साथ जोड़कर 92.97 मीटर की दूरी तक जैवलिन थ्रो में एक बेहतरीन प्रदर्शन किया। इससे नदीम को 90.57 मीटर के पिछले ओलंपिक रिकॉर्ड को तोड़ने और उस क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने में मदद मिली। जिसमें सीमा पार से उनके अच्छे दोस्त लेकिन कट्टर प्रतिद्वंद्वी नीरज चोपड़ा भी शामिल थे। इस बार पिछले चैंपियन भारतीय को 89.45 मीटर के अपने सीजन के बेस्ट परफार्मेँस के बावजूद सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। 26 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने करियर में अभी तक 90 मीटर का आंकड़ा पार नहीं किया है और ऐसा लगता है कि अब प्रतियोगिताओं में उनके दिमाग में यही चल रहा है।
भारतीय चैंपियन नीरज चोपड़ा से है गहरी मित्रता
जहां चोपड़ा इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले एथलीटों में से एक थे, वहीं नदीम ने एक ऐसा समय भी देखा था, जब उनके पास अपने लिए भाला खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे। लोगों को नहीं पता कि अरशद आज इस मुकाम पर कैसे पहुंचे। मंगलवार को ओलंपिक फाइनल में पहुंचने के बाद उनके पिता मुहम्मद अशरफ ने PTI को बताया कि कैसे उनके साथी ग्रामीण और रिश्तेदार पैसे दान करते थे ताकि वह अपने शुरुआती दिनों में ट्रेनिंग और प्रोग्राम के लिए दूसरे शहरों की यात्रा कर सकें।
नदीम ने लगातार दूसरे ओलंपिक के लिए फाइनल में किया क्वालीफाई
पाकिस्तान ने कुल सात एथलीट पेरिस भेजे और उनमें से 6 अपने-अपने इवेंट के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में फेल हो गए। नदीम के लगातार दूसरे ओलंपिक के लिए फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के तुरंत बाद उनके घर पर जश्न मनाया गया। जहां उनके माता-पिता, भाई, पत्नी और दो बच्चे और साथी ग्रामीणों ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए।
नदीम के परिवार में मना जश्न, बांटी गईं मिठाईयां
उनके माता-पिता ने मिठाइयां भी बांटी। उनके पिता ने कहा था कि अगर मेरा बेटा पाकिस्तान के लिए ओलंपिक में मेडल जीतता है तो यह हमारे और इस गांव के सभी लोगों के लिए सबसे गर्व का क्षण होगा। खैर, फ्रांस की राजधानी में जो कुछ हुआ उसके बाद अब पूरा परिवार ही नहीं पाकिस्तान जश्न में डूबा है।
भारतीय खिलाड़ी नीरज को सिल्वर से संतोष करना पड़ा
नदीम लंबे समय से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता और 90.18 मीटर थ्रो के साथ राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में गोल्ड मेडल भी जीता। मंगलवार को उन्होंने 86.59 मीटर की थ्रो के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई किया, जबकि चोपड़ा ने 89.34 मीटर की थ्रो के साथ पहला स्थान हासिल किया। चोपड़ा और नदीम की प्रतिद्वंद्विता और दोस्ती जगजाहिर है। टोक्यो में पिछले ओलंपिक में भारतीय स्टार ने अपने देश के लिए गोल्ड मेडल जीता था, जबकि नदीम फाइनल स्टैंडिंग में पांचवें स्थान पर रहे थे।
कोहनी, घुटने और पीठ की समस्या से जूझते हुए विश्वविजई बने नदीम
कुछ महीने पहले जब अरशद ने अपने प्रशिक्षण के लिए अधिकारियों से अपने पुराने भाले को नए से बदलने की अपील की थी, तो चोपड़ा ने तुरंत सोशल मीडिया पर नदीम के मामले का समर्थन किया था। कोहनी, घुटने और पीठ की समस्याओं से जूझ रहे नदीम ने अपने करियर और अन्य देशों के एथलीटों के लिए उपलब्ध टॉप सुविधाओं और उपकरणों की कमी के बावजूद वो कर दिया दिखाया, जो अकल्पनीय लगता है। अशरफ नदीन ने आज पाकिस्तानियों को क्रिकेट के अलावा दूसरे तरह के खेल में अपनी मेहनत से प्राउड फील कराया।