Famous Peethas In South India: चैत्र नवरात्रि 2024 आते ही मंदिरों में माता रानी का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों की लाइन कई किलोमीटर दूर से लग जाती है। वैसे तो मां दुर्गा के कई स्वरूप है इन्हीं में से एक है देवी शक्ति। आपको किसी भी जगह  देवी शक्ति की पूर्ण प्रतिमा नहीं मिलेगी। कहीं पर देवी के हाथ की पूजा की जाती है तो कहीं पैर की। जिन्हें शक्तिपीठों के नाम से जाना जाता है। ऐसे में आज हम आपको दक्षिण भारत के प्रसिद्ध चार शक्तिपीठों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां नवरात्रि के मौके पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है।


कामाक्षी शक्तिपीठ (Sri Kamakshi Amman Temple, Kanchipuram)

भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक मां कामाक्षी देवी मंदिर कांचीपुरम में स्थित है। मान्यताओं के अनुसार तमिलनाडु स्थित इस जगह पर देवी शक्ति यानी सती की अस्थियां गिरी थीं। नवरात्रि के मौके पर माता के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं मंदिर में कामाक्षी देवी की प्रतिमा विराजमान है जो साउथ इंडिया के सबसे फेमस शक्तिपीठ में शामिल है इसके अलावा यहां माता पार्वती का श्रीविग्रह भी है।

 

जोगुलम्बा शक्तिपीठ (Sri Jogulamba Ammavari Temple) 

जोगुलम्बा शक्तिपीठ तेलंगाना राज्य में स्थित है। मान्यताओं के अनुसार यहां पर देवी शक्ति के ऊपरी दांत गिरे थे। मंदिर तुंगभद्रा और कृष्णा नदी के संगम पर स्थित है जो इसके महत्व को और ज्यादा बढ़ा देता है। नवरात्रि के मौके पर यहां पर खास मेले का आयोजन भी किया जाता है वही जो जोगुलम्बा शक्तिपीठ के अलावा आप यहां पापनाशी, संगमेश्वर नव ब्रह्मा मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं।

 

चामुंडेश्वरी मंदिर (Sri Chamundeshwari Temple) 

मैसूर से लगभग 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित चामुंडी नामक पहाड़ी पर चामुंडेश्वरी मंदिर स्थित है। बताया जाता है यह मंदिर 1500 साल से भी ज्यादा पुराना है।  यहां पर माता ने महिषासुर का वध किया था। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा जी ने महिषासुर को वरदान दिया था की उसका वध किसी महिला के द्वारा ही होगा। महिषासुर के आतंक को देखते हुए माता दुर्गा ने चामुंडा का रूप धारण कर इसी स्थान पर  महिषासुर का वध किया था।


भ्रामराम्बा शक्तिपीठ (Sri Bhramaramba Ammavari Shakti Peetham Temple, Srisailam) 

आंध्र प्रदेश स्थित भ्रामराम्बा शक्तिपीठ को को साउथ इंडिया के कैलाश के नाम से जाना जाता है यह माता शक्ति और भगवान शिव के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। मान्यताओं के अनुसार इसी स्थान पर माता सती की गर्दन का पतन हुआ था। यहां पर माता सती मां लक्ष्मी के रूप में विराजमान है जिन्हें भ्रामराम्बा देवी के नाम से भी जाना जाता है नवरात्रि के मौके पर देश के कोने-कोने से भक्त दर्शन करने आते हैं।

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