लाइफस्टाइल डेस्क। गर्मी के बाद मानसून का इंतजार हर किसी को रहता है। देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश ने हाल-बेहाल कर रखा है तो दूसरी तरफ कई बीमारियों (Monsoon diseases) ने भी इंसान का जीना दूभर कर दिया है। बच्चों से बड़ों तक के लिए जून से सितंबर तक का महीना खासा ख्याल रखने (Monsoon health tips) वाला है। इस दौरान कई तरह के मच्छऱ, इंफेक्शन और बैक्टिरिया (Monsoon health precautions) पनपते हैं। जिनमें डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइडफाइड प्रमुख है। ऐसे में जानते हैं की मानसून में किन बीमारियों से बचकर रहना चाहिए। 

1) बारिश में सबसे घातक डेंगू (Dengue prevention tips) 

देश में हर साल डेंगू से हजारों मौते होती हैं। बीते कई सालों में डेंगू केस में वृद्धि देखने को मिली है। ये मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है। कहा जाता डेंगू का मच्छर दिन के समय में काटता है। डेंगू होने पर, तेज बुखार, शरीर-सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मतली और उल्टी शामिल है। इसके अलावा शरीर में चकत्ते पड़ना, लो बीपी भी इसके लक्षण है। अगर हालत ज्यादा खराब है तो गंभीर लक्षणों में रोगियों में पेशाब कम हो सकती हैं, और प्लेटलेट काउंट में भारी गिरावट आती है। इसलिए बरसात के मौसम में डेंगू से बचने से घर के आसपास पानी को न जमनें दे और मच्छरदानी लगाकर सोएं। 

2) बरसात के मौसम में चिकनगुनिया के मामले (Chikungunya prevention) 

बारिश में चिकनगुनिया के मामले भ बढ़ जाते हैं। ये बीमारी भी मच्छर काटने से फैलती है। ये मच्छऱ आमतौर पर वरहेड टैंक, कूलर, पौधों और पानी के पाइपों में पाए जाते हैं। यह संक्रामक बीमारी टाइगर मच्छर, एडीज द्वारा भी फैलती है। वहीं अगर शरीर में तेज दर्द,चलने में परेशानी, बुखार,थकान और ठंड लगने जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

3) मानसून में पनपता मलेरिया (Malaria symptoms and prevention) 

वहीं बारिश के दौरान मलेरिया भी मच्छर से पनपता है। ये भी जमा पानी के कारण होता है। इस बीमारी के लक्षण तेज बुखार आना, ज्यादा पसीना आना, एनिमिया, कंपकंपी छूटना और ठंड लगना है। मलेरिया के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए नहीं तो ये आगे चलकर ब्रेन को भी प्रभावित करते हैं। यहां तक इससे मौत भी हो सकती हैं। 

4) बारिश में बढ़ जाते टाइफाइड के मामले (Typhoid during monsoon Treatment & Symptoms ) 

वहीं टाइफाइड भी बारिश के मौसम में जोरों से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों में से एक है। ये दूषित खाना और गंदा पानी पीने के कारण होता है। इसके लक्षण लंबे समय तक तेज़ बुखार, कमज़ोरी, पेट में दर्द, भूख कम लगना है। वहीं समय पर इलाज ना कराने पर ये अन्य कई बीमारियों को भी जन्म दे सकता है। 

5) मानसून में तेजी से फैलता इन्फ्लूएंजा (Influenza prevention) 

मौसम में अचानक बदलाव और तापमान में उतार-चढ़ाव से इन्फ्लूएंजा संक्रामक रोग तेज से फैलता है। ये एक तरह का फ्लू होता है। जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नाक बंद होना और सूखी, लगातार खांसी शामिल हैं। वहीं समय रहते इसका इलाज जरूरी है नहीं तो ये निमोनिया, अस्थमा या फिर हार्ट डिजीस का भी रूप ले सकता है। 

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