भारत ने एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) का पहला संदिग्ध मामला रिपोर्ट किया है। एक युवा पुरुष मरीज, जो हाल ही में एक प्रभावित देश से आया था, की पहचान एमपॉक्स के संदिग्ध मामले के रूप में की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं।
नई दिल्ली। रविवार (8 सितंबर) को भारत ने Mpox (मंकीपॉक्स) का पहला संदिग्ध मामला रिपोर्ट किया। यह मामला एक युवा पुरुष मरीज से संबंधित है, जो हाल ही में एक ऐसे देश से यात्रा करके आया था, जहां मंकीपॉक्स इन्फेक्शन फैला हुआ है। सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टी ने इस संदिग्ध मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि मरीज को एक डिजेग्नेटेड हॉस्पिटल में आइसोलेट किया गया है और उसकी हालत वर्तमान में स्थिर है। एमपॉक्स की पुष्टि के लिए मरीज के नमूनों की जांच की जा रही है।
Mpox को लेकर सेंट्रल हेल्थ मिनिस्ट्री ने क्या कहा?
सेंट्रल हेल्थ मिनिस्ट्री ने यह भी कहा कि इस मामले का विकास NCDC द्वारा किए गए पहले के रिस्क असिस्मेंट के अनुरूप है और किसी भी अनावश्यक चिंता का कोई कारण नहीं है। भारत इस तरह के यात्रा-संबंधी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और संभावित रिस्क को मैनेज करने और कम करने के लिए प्रभावी उपाय किए गए हैं।
क्या हैं एमपॉक्स के फैलने का तरीका?
एमपॉक्स फ्लू जैसे लक्षणों और दर्दनाक घावों का कारण बन सकता है और यह सैक्सुअल एक्टिविटी सहित निकट संपर्क के माध्यम से फैलता है। बढ़े हुए प्रयासों का उद्देश्य इस नए स्ट्रेन के प्रसार को रोकना और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना है। 14 अगस्त को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एमपॉक्स को इंटरनेशनल चिंता का पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। यह दूसरी बार है कि WHO ने इस बीमारी को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के रूप में मान्यता दी है, पहली बार 2022 में ग्लोबल आउटब्रेक की घोषणा की गई थी।
सबसे ज्यादा इन देशों में फैल रहा मंकीपॉक्स
मंकी पाॅक्स से अफ्रीका में इस साल 15,000 से अधिक संदिग्ध और पुष्ट मामले और 537 मौतें दर्ज की गई हैं, जो 2023 में होने वाली मौतों से अधिक है। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) को वर्तमान एमपॉक्स प्रकोप का सेंटर माना जा रहा है, जहां एक नया वायरस समूह तेजी से फैल रहा है। बुरुंडी, रवांडा, युगांडा और केन्या सहित पड़ोसी देशों ने भी DRC प्रकोप से जुड़े मामलों की सूचना दी है। हालांकि अधिकांश मामले अफ्रीका में सेंट्रलाईज्ड हैं, वायरस महाद्वीप के बाहर के देशों में भी पाया गया है।
एमपॉक्स के क्या हैं लक्षण?
एमपॉक्स से पीड़ित लोगों को अक्सर हाथ, पैर, छाती, चेहरे या मुंह पर या जननांगों के पास दाने हो सकते हैं, जिसमें लिंग, अंडकोष, लेबिया और योनि और गुदा शामिल हैं। इनक्यूबेशन पीरियड 3-17 दिन है। इस दौरान व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं दिखते और वह ठीक महसूस कर सकता है। दाने ठीक होने से पहले कई चरणों से गुजरेंगे, जिनमें पपड़ी बनना भी शामिल है।
दाने शुरू में फुंसी या छाले जैसे दिख सकते हैं और इनमें दर्द या खुजली हो सकती है। इसके अलावा एमपॉक्स के अन्य लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सूजी हुई लिम्फ नोड्स, थकावट, मांसपेशियों में दर्द और पीठ दर्द, सिरदर्द, श्वसन संबंधी लक्षण (जैसे, गले में खराश, नाक बंद होना या खांसी) जैसे सभी या केवल कुछ लक्षण अनुभव हो सकते हैं।
एमपॉक्स के लक्षण कितने समय तक रहते हैं?
आम तौर पर एमपॉक्स के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों के भीतर शुरू होते हैं। अगर आपको फ्लू जैसे लक्षण हैं, तो संभवतः 1-4 दिन बाद आपको दाने निकल आएंगे। अगर आपको दाने जैसे लक्षण हैं, तो हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर से मिलें। एमपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति लक्षणों के शुरू होने से लेकर दाने के पूरी तरह ठीक होने और स्किन की नई परत बनने तक इसे दूसरों में फैला सकता है। नए डेटा से पता चलता है कि कुछ लोग अपने लक्षण दिखने से एक से चार दिन पहले ही एमपॉक्स को दूसरों में फैला सकते हैं।
भारत की क्या है तैयारी?
भारत इस नए खतरे से निपटने के लिए सतर्कता बनाए हुए है और आवश्यक कदम उठा रहा है ताकि एमपॉक्स के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके और देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
ये भी पढ़ें...
गणेश उत्सव: जानें क्यों गणेश पूजा में रेड कलर है इतना खास और शुभ?
Last Updated Sep 8, 2024, 5:28 PM IST