Blue hope diamond curse: श्रापित घर,खंडहर हवेली पर रहने से लोगों के परिवार खत्म हो गए ऐसे कई किस्से बचपन में दादी-नानी से खूब सुन होंगे लेकिन क्या कभी किसी हीरे-जवारात के बारे में सुना है? जिसे पहनने से पूरा का परिवार मौत की नींद सो गया हो गया हो। कई बार बातें केवल कहानी लगती हैं लेकिन आज एक ऐसे नेकलेस की कहानी से रबरू कराएंगे जो जिसे जिसने पहना वो काल के गाल में समा गया। खास बात ये कि ये नेकलेस में लगा हीरा कहीं और से नहीं बल्कि भारत स्थित कोल्लूर माइंस से निकाला गया था जो दुनिया में अपनी खूबसूरती को लेकर नहीं बल्कि अभिशाप को लेकर हमेशा के प्रसिद्ध हो गया। यहां तक आज भी लोग इस हीरो को पहनने से डरते हैं।

जिसने भी पहना नेकलेस उसकी मौत

इस नेकलेस का नाम है ब्लू होप डायमंड (Blue Hope Diamond) को जिसने भी पहना उसकी जिंदगी में ऐसा तूफान खड़ा हुआ कि वह ना चाहकर भी इससे पीछे ना छुड़ा पाए। ये हीरा 1673 में खोजा गया है। भारत में मिलने के बाद ये हीरे ने कई देशों की सैर की यूं कहे कि पूरी दुनिया की सैर कर ली लेकिन ये हीरा कभी अपने मालिक को खुशी नहीं दे पाया और जिंदगी खत्म हुई तो मौत पर तबसे इसे दुनिया का श्रापित हीरा कहा जाता है।


क्या है  ब्लू होप डायमंड की कहानी ?

श्रापित डायमंड की कहानी  शुरू होती है आंध्र प्रदेश के गोंटूर में स्थति कोल्लूर से जब 1600 में इसकी खोज की गई। लोककथाओं के अनुसार,फ्रेंच मर्चेंट नाम के शख्स को ये हीरा मिला था उसने ये हीरा किसी मूर्ति से चुराया था। आक्रोश में आकार मंदिर के पुजारी ने श्राप दिया था कि जिसके पास भी ये हीरा जाएगा उसका विनाश निश्चत है। शायद यहीं से बर्बादी का दौर शुरू हुआ। सबसे पहले फ्रेंच मर्चेंट को मौत हुई। फिर ये हीरा किंग लुसई 14 को बेचा गया था। रिपोर्ट्स बताती हैं उन्होंने ये हीरा शाही परिवार में रखवाया था लेकिन जब ये हीरा आया था तब से कुछ ना कुछ घटित हो रहा है। 1792 आते तक लुईस 14 के परिवार का सिर कलम कर हीरा चुरा लिया गया। 

1600 से 1947 का तक का सफर

1600 से 1910 तक ये हीरा कई जिंदगियों को लील चुका था लेकिन बावजूद इसके इसे खूब प्रसिद्धि मिली। 1910 में इसे फ्रेंच ज्वेलर पियरे कार्टियर ने खरीदा था और इसे नाम दिया ब्लू होप डायमंड लेकिन बाद में इसे अमेरिका की रहने वाली ईवलिन ने खरीद लिया था। ईवलिन हर पार्टी में यह डायमंड पहनती थीं। बताया जाता है कि उन्हें हीरा इतना प्यारा था क वह अक्सर हीरे को छुपा देती और Find The Hope नाम का गेम खेलती। एक बार चर्च में वह हीरे के लिए प्रार्थना कर रही थी तभी बिजली गिरी लेकिन उन्होंने इसे केवल इक्तेफाक कहकर टाल दिया। इस घटना के कुछ दिनों बाद ईवलिन के बेटे की रहस्यमयी तरीके से मौत हो जाती है। उनका पति से तलाक हो गया। यहां तक बिजनेस में भी घाटा हुआ लेकिन उन्होंने हीरा छोड़ा। 1946 में ईवलिन की बेटी की मौत हो गई लेकिन फिर वह डायमंड पहनी रही लेकिन 1947 में ईवलिन की मौत हुई आखिर वक्त तक उन्होंने ये डायमंड पहने रखा और बाद में उनकी फैमिली ने इसे बेच दिया। 

अमेरिका के म्यूजिम में Blue Hope Diamond

1600 से निकलर 2000 तक सफर करने वाला Blue Hope Diamond अब अमेरिका के म्यूजियम में रखा है। इसे खरीदने से बड़े-बड़े अरबपति कांपते हैं। वहीं हीरे के चारों और 16 अन्य हीरे जोड़कर इसे सुंदर नेकलेस का रूप दिया गया है लेकिन सुंदर दिखने से ये हीरा अपने श्राप से मुक्त हुआ या नहीं कोई नहीं जानता लेकिन म्यूजिम का कहना है जबसे ये हीरा जबसे म्यूजिम आया है। तब से उन्हें मुनाफा हो रहा है। कीमत की बात करें रिपोर्ट्स की मानें तो आज इस हीरें की कीमत लगभग 260 मिलियन डॉलर होगी। 

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