Heart Transplant: पाकिस्तान की आयशा रशन केवल 19 साल की हैं। 10 सालों से दिल की बीमारी से पीड़ित आयशा को नए हार्ट की जरूत थी। साल 2014 को जब आयशा भारत में इलाज के लिए आईं थीं तो डॉक्टर्स ने पेस मेकर की मदद से उन्हें ठीक किया था।

पाकिस्तान वापस जाने के कुछ सालों बाद आयशा को फिर से समस्या हो गई। अब डॉक्टर्स ने आयशा को हार्ट ट्रांसप्लांट की सलाह दी। 35 लाख के खर्चे में हार्ट ट्रांसप्लांट करना आयशा के लिए संभव नहीं था। फिर एक NGO की मदद से आयशा का फ्री में इलाज हुआ। आपको बताते चले कि आयशा को दिल्ली के एक व्यक्ति ने हार्ट डोनेट किया। 31 जनवरी को आयशा का हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया था। जानिए आयशा को आखिर क्या बीमारी थी।

आयशा को हुआ था Leaky Heart Valve का प्रॉब्लम 

आयशा जब भारत आई थीं तो डॉक्टर ने बताया था कि उन्हें लीकी हार्ट वाल्व की समस्या हो गई है। ये एक प्रकार की हार्ट वॉल्व डिजीज होती है। जब हार्ट के चार वॉल्व टाइट बंधे नहीं होते हैं तो वॉल्व लीक करना शुरू कर देते हैं। यदि ज्यादा मात्रा में ब्लड लीक होने लगता है तो पेशेंट को बचा पाना मुश्किल हो जाता है। डॉक्टर स्थिति के अनुसार हार्ट ट्रांसप्लांट की सलाह दे सकते हैं। जानिए क्या होता है हार्ट ट्रांसप्लांट। 

हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) क्या होता है?

हार्ट की बीमारी के कारण देश-दुनिया में मरनों वाली तादात बहुत है।  30 सालों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से होने वाली मौतों की संख्या में करीब 60 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। जब हार्ट ठीक तरह से काम नहीं करता है या फिर कोई बड़ी कंडीशन आ जाती है तो डॉक्टर व्यक्ति का हार्ट निकालकर उसकती जगह डोनर का हार्ट लगा देते हैं। जानिए किन बीमारियों में हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। 

  • कार्डियोमायोपैथी (cardiomyopathy)
  • हार्ट वॉल्व डिसीज (heart valve disease)
  • कोरोनरी हार्ट डिसीज (coronary heart disease)
  • कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज या जन्मजात हार्ट डिसीज
  • अनियमित दिल की धड़कन (arrhythmias)

हार्ट ट्रांसप्लांट से जुड़े रिस्क (Risks of a heart transplant)

हार्ट ट्रांसप्लांट कराना आसान नहीं होता है। कुछ ही परसेंट चांस होते हैं कि व्यक्ति का हार्ट ट्रांसप्लांट सफल तरीके से हो। जानिए हार्ट ट्रांसप्लांट से जुड़े रिस्क के बारे में।

  • संक्रमण का खतरा
  • सर्जरी के दौरान या बाद में ब्लीडिंग
  • रक्त के थक्के से दिल का दौरा
  • स्ट्रोक या फेफड़ों की समस्या हो जाना
  •  साँस की परेशानी
  • किडनी खराब हो जाना
     

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