लखनऊ अपनी जुबान, इमारत, तहजीब, खाना और लिबास के लिए दुनिया भर में मशहूर है। लखनऊ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां एक से बढ़कर एक लजीज व्यंजन बहुत कम रेट में मिलता है इसलिए यहां टूरिस्ट हमेशा आते रहते हैं।
ट्रेवल डेस्क। कम बजट में अगर किसी शहर को एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो लखनऊ (Places to visit in Lucknow) घूमने का प्लान बना लीजिए। घूमने के लिए लखनऊ में एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक इमारतें हैं और साथ ही खूबसूरत पार्क भी मौजूद है। अगर आप खाने पीने के शौकीन हैं तो आपकी यह ट्रैवल ट्रिप बेहद यादगार बन जाएगी क्योंकि लखनऊ अपनी तहजीब, इमारत, कल्चर के साथ-साथ मुग़लई खाने के लिए भी दुनिया भर में मशहूर है। जानते हैं लखनऊ में घूमने की खास जगह के बारे में।
बड़ा इमामबाड़ा
बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ की ऐतिहासिक इमारत है जिसमे मुगलकालीन और अवधि शैली की वास्तुकला देखने को मिलेगी । इमामबाड़ा परिसर में आपको मस्जिद, भूल भुलैया और बहते पानी की एक शाही बावली देखने को मिलेगी। भूल भुलैया की खासियत यह है कि आप कितना भी धीमा बोलिए, दीवार के दूसरी तरफ आपकी आवाज जरूर सुनाई देगी। शाही बावड़ी गहरा कुआं है जो पांच मंजिला है। इनमें दो मंजिला इमारत साफ़ दिखाई देता है बाकी का तीन मंजिल पानी में डूबा हुआ है। इमामबाड़ा की खासियत यह है कि किसी पत्थर से नहीं बल्कि लखनऊ में ही बनी ईंटों से बनाया गया है।
ब्रिटिश रेजीडेंसी
ब्रिटिश रेजीडेंसी लखनऊ की ऐतिहासिक इमारत में से एक है जहां आपको आजादी की लड़ाई के निशान मिल जाएंगे। रेजिडेंसी की खासियत यह है कि इसमें रूफ नहीं है। इसमें इंडो इस्लामिक स्थापत्य शैली का शानदार मिश्रण देखने को मिलेगा। 33 एकड़ में फैली हुई रेजीडेंसी में बिल्डिंग बैंक्वेट हॉल, ट्रेजरी हाउस, बेगम कोठी, चर्च कब्रिस्तान मौजूद है। रेजिडेंसी की दीवारों में तोप के गोले के निशान आज भी साफ नजर आते हैं।
रूमी दरवाजा
लखनऊ के बड़े इमामबाड़े और छोटे इमामबाड़े के बीच में मौजूद है रूमी दरवाजा जिसमें आपको अवधि शैली की वास्तुकला नजर आएगी। इसे नवाब आसिफ-उद -दौला ने बनवाया था और क्योंकि रूमी दरवाजा इस्तांबुल के सबलिम पोर्ट की तर्ज पर बनाया गया है इसलिए लखनऊ के पुराने लोग इसे तुर्की गेट भी कहते हैं। इस जगह पर हमेशा टूरिस्ट और स्थानीय लोगों का जमावड़ा रहता है। प्री वेडिंग शूट हो या सेल्फी प्वाइंट रूमी दरवाजा लखनऊ वालों की पहली पसंद है।
जनेश्वर मिश्र पार्क
जनेश्वर मिश्र पार्क को एशिया का सबसे बड़ा पार्क कहा जाता है। लंदन के हाइड पार्क से प्रेरित होकर इस खूबसूरत पार्क को लखनऊ में बनाया गया था जिसमें एक कृत्रिम झील भी है ।गोमती नदी का पानी फिल्टर होकर इस झील में आता है। यहां की हरियाली पर्यटकों का दिल लूट लेती है। साथ ही अगर आप बोटिंग करना चाहते हैं तो जनेश्वर मिश्र पार्क में गंडोला बोत पर बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। जनेश्वर मिश्र पार्क में सेना का लड़ाकू विमान मिग 21 भी मौजूद है।
घंटाघर
रूमी दरवाजे के करीब में हुसैनाबाद क्लॉक टावर मौजूद है जिसे घंटाघर भी कहा जाता है। घंटाघर की वास्तुकला विक्टोरियन और गोथिक शैली का सुंदर मिश्रण है। इसकी ऊंचाई 221 फिट है। घंटाघर में लगी घड़ी पंखुड़ियां वाले फूलों की तरह डिजाइन की गई और इसका पेंडुलम 14 फीट लंबा है। कहा जाता है कि यह देश का सबसे ऊंचा क्लॉक टावर है। खास बात यह है कि घंटाघर में घूमने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है। आप पूरा दिन यहां फ्री में घूम सकते हैं और अगर खाने पीने के शौकीन है तो घंटाघर के पास वेजिटेरियन और नॉनवेज दुकानों में आपको लजीज व्यंजन भी मिल जाएगा।
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Last Updated Jul 1, 2024, 9:14 AM IST