Brest Cancer Risk Ractor For Men:स्तन कैंसर या फिर ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी हो सकता है। कैंसर सेल्स का निर्माण पहले डक्ट से शुरू होता है और फिर ब्रेस्ट टिशू के बाहरी हिस्से में दिखने लगता है। जानलेवा बेस्ट कैंसर सिर्फ ब्रेस्ट के एरिया में ही नहीं फैलता है बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों में कैंसर सेल्स फैलने लगती हैं। इस बीमारी के खतरों को पहचानने के लिए स्तन कैंसर के लक्षणों की पहचान करना बहुत जरूरी है। 

ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार

पुरुषों में महिलाओं की तरह ब्रेस्ट नहीं होते हैं जो मिल्क प्रोड्यूस कर सके। पुरुषों में फैटी टिशू, डक्ट और ब्रेस्ट सेल्स या कोशिकाएं होती हैं जो कि कैंसरस हो सकती है। कैंसर तब डेवलप होता है जब ब्रेस्ट की कोशिकाएं अनियंत्रित होकर बढ़ने लगती हैं। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर रेयर होता है। 

इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा: इस प्रकार का कैंसर पुरुषों के ब्रेस्ट की डक्ट या नलिकाओं से शुरू होता है। ये शरीर के दूसरे भागों में फैल सकता है।

डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू: इस प्रकार के कैंसर में कैंसर कोशिकाएं डक्ट की लेयर में बढ़ती हैं। ये कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैलता है।

लोब्यूलर ब्रेस्ट कैंसर: इस प्रकार कैंसर का कैंसर आक्रामक होता है। लोब्यूल्स में कैंसर सेल्स की ग्रोथ होती है और फिर शरीर के दूसरे भागों में ये फैलने लगता है।

पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होने पर कुछ लक्षण नज़र आते हैं। अगर इन लक्षणों की पहचान कर जांच करायी जाए तो ट्रीटमेंट की मदद से बचाव किया जा सकता है। ब्रेस्ट कैंसर होने पर निम्नलिखित लक्षण दिख सकते हैं।

  • निप्पल के आसपास गांठ महसूस होना।
  • छाती के आसपास दर्द महसूस होना
  • ब्रेस्ट निपल से खून आना
  • निपल का उल्टा हो जाना।

पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क फैक्टर

पुरुषों में कुछ ऐसे रिस्क फैक्टर होते हैं जो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ाता है। फैमिली हिस्ट्री, जेनेटिक समस्या, रेडिएशन थेरिपी, कभी हुई टेस्टिकल डिजीज पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाती है।

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