लखनऊ। रामपुर की सियासी में रामपुर के नवाब घराने का विरोध कर राजनीति की मुकाम पाने वाले आजम खान जेल में कैद हैं। कोर्ट ने आजम खान और उनकी पत्नी और बेटे को दो मार्च तक कैद में रखने का आदेश दिया है। लेकिन दिलचस्प ये है कि जिस रामपुर में आजम खां नवाब के परिवार के विरोध करते हैं अब उसी के बनाए गए जेल में रहेंगे।  रामपुर  के जिला कारागार का निर्माण नवाब हामिद अली खां के शासनकाल में हुआ था।

रामपुर में रियासतों के विलय के बाद नवाबों की जेल को ही जिला कारागार बना दिया गया था। जबकि रामपुर में आजम खान  नवाब परिवार के खिलाफ ही राजनीति करते हैं। नवाब परिवार का विरोध कर ही आजम खान ने रामपुर में सियासत की ऊंचाईयों को छूआ है। आजम खां का घर भी जेल के पास ही है। आजम खान कभी रामपुर की जिला जेल बंद नहीं हुई हालांकि वह जेल गए लेकिन उन्हें जमानत मिल गई थी। कहा जाता है कि  आपातकाल में जब आजम खां को गिरफ्तार किया गया था तो उन्हें बनारस की जेल में रखा गया था। लेकिन इस बार आजम खान  को रामपुर की जेल में पांच रातें काटनी होंगी और वह उस जेल में रहेंगे जिसके खिलाफ वह रामपुर में बयानबाजी कर और आग उगल कर सियायत में आजम खान के तौर पर जाने जाते हैं।

माना जा रहा है कि आजम खान की मुश्किलें और बढ़ने जा रही है।  क्योंकिं उनके खिलाफ पहले से चल रहे जल निगम भर्ती घोटाले में एसआईटी जल्द ही चार्जशीट दायर कर सकती है और उसके लिए अनुमति मागी है। उत्तर प्रदेश की पूर्व सपा सरकार के दौरान जल निगम में हुईं करीब 1300 भर्तियां हुई थी और उस वक्त आजम खान जल निगम के अध्यक्ष थे। एसआईटी ने जल निगम भर्ती घोटाले में तत्कालीन मंत्री आजम खान और उनके ओएसडी रहे आफाक को आरोपी बनाया है और उसने इन दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति मांगी है।  इसके साथ  ही जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण मामले में वह पहले से ही घिरे हुए हैं।

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी उनके खिलाफ जांच कर रहा है। प्रवर्तन निदेशालय आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच कर रहा है। कहा जा रहा है कि ईडी ने भी उन पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है क्योंकि ईडी के पास पुख्ता सबूत हैं कि जौहर यूनिवर्सिटी की आड़ में आजम ने विदेश में निवेश किया और करवाया। सपा नेता आजम खान के खिलाफ रामपुर में अब तक 83 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।