लोकसभा चुनाव में मिले प्रचंड जीत के साथ भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए सत्ता में लौटा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक जनादेश के साथ दूसरी बार देश की अगुवाई करेंगे। यह पहला मौका होगा जब गैर कांग्रेस सरकार पूर्ण बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटी है। इस जीत के कई कारण रहे हैं। एक नजर उन कारणों पर जिन्होंने एनडीए की सत्ता में वापसी सुनिश्चित की।

मोदी की मजबूत नेता की छवि 

पीएम नरेंद्र मोदी की मजबूत नेता की छवि ने पूरे देश में उन्हें सर्वामान्य बनाया। नोटबंदी, जीएसटी और आतंकवाद के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब की रणनीति ने कड़े फैसले लेने वाले नेता के रूप में पेश किया। विपक्ष में कोई भी नेता उनके कद के बराबर नजर नहीं आया। पूरे चुनाव अभियान के दौरान मुकाबला मोदी बनाम विपक्ष रहा। इसने मोदी को और मजबूत किया।

जाति का तिलिस्म टूटा, काम को मिली तरजीह

यूपी, बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भाजपा को मिले जनादेश से इस बात पह मुहर लग गई है कि जनता जाति के तिलिस्म से निकलना चाहती है। यहां तक कि बिहार और यूपी में जनता ने जातीय महागठबंधन को नकारते हुए भाजपा को वोट किया। जनता ने केंद्र सरकार की योजनाओं को जाति पर तरजीह दी। 

राष्ट्रवाद का नारा 

पीएम मोदी ने अपना पूरा चुनाव अभियान राष्ट्रवाद पर केंद्रित रखा। लगभग हर चुनावी रैली में पीएम मोदी ने राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाया। आतंकियों के खिलाफ उनकी सरकार के कड़े रुख का जिक्र किया। जनता में पीएम मोदी की इस अपील ने जबरदस्त काम किया। यह वजह है कि भाजपा अपने 2014 के प्रदर्शन से आगे निकलने में कामयाब रही। 
 
बालाकोट एयर स्ट्राइक टर्निंग प्वाइंट

पुलवामा आतंकी हमले के बाद वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर की गई एयर स्ट्राइक को 2019 के लोकसभा चुनाव का टर्निंग प्वाइंट कहा जा सकता है। इस कार्रवाई ने पीएम मोदी मजबूत और निर्णायक फैसले लेने वाले नेता की छवि को और मजबूत किया। चुनावों के दौरान पीएम मोदी ने इस हमले का जिक्र किया और जनता से मजबूत फैसले लेने वाली सरकार चुनने का अनुरोध किया। 

ब्रैंड मोदी का कोई जवाब नहीं

लोकसभा चुनाव 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी का अपनी पार्टी और एनडीए के लिए सबसे बड़े ब्रैंड के तौर पर उभरे। पीएम ने भाजपा ही नहीं एनडीए के लिए भी जमकर वोट मांगे। एनडीए गठबंधन में शामिल सभी 36 दलों ने पीएम मोदी के नाम को खूब भुनाया। कई सीटों पर एनडीए प्रत्याशी पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगते नजर आए। 

लोगों तक पहुंची जनहित योजनाएं

केंद्रीय योजनाओं आयुष्मान भारत, उज्ज्वला, किसान सम्मान निधि, स्वच्छ भारत के तहत शौचालयों का निर्माण, पीएम आवास योजना और हर घर तक बिजली जैसी योजनाओं ने जमीनी स्तर पर वोटरों को एनडीए के पक्ष में करने में बड़ी सफलता पाई। इन योजनाओं का जमीनी स्तर तक पहुंचना और भ्रष्टाचार के आरोप न लगना भी एनडीए के पक्ष में गया। पीएम मोदी ने भी अपने प्रचार में केंद्र की इन योजनाओं का खूब जिक्र किया था। 

सहयोगियों को दी तवज्जो 

2014 चुनावों में  भाजपा ने सहयोगियों को साथ लेकर चलने की रणनीति पर खासा ध्यान दिया। तमाम कड़ुवाहट के बावजूद महाराष्ट्र में शिवसेना को साधा तो बिहार में नीतीश कुमार की जेडीयू को साथ लाने के लिए अपने हिस्से की सीटें उन्हें दीं। पार्टी ने एलजेपी भी साथ रखा। इसका लाभ उन्हें महाराष्ट्र और बिहार दोनों राज्यों में मिला।