नई दिल्ली। कांग्रेस ने आखिरकार दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर ही दिया है। कांग्रेस ने पहली सूची में 54 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है वहीं अभी 16 नामों का ऐलान होना बाकी है। लेकिन लंबे इंतजार के बाद आई कांग्रेस की सूची में परिवारवाद का दबदबा है। पार्टी ने ज्यादातर टिकट नेताओं के रिश्तेदारों को दिए हैं।

कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 54 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान किया। इसमें पार्टी ने 32 नए चेहरों पर दांव खेला है वहीं 14 पूर्व विधायकों पर भी विश्वास जताते हुए उन्हें चुनावी दंगल उतारा है। पार्टी ने अभी तक 12 सीटों किसी का नाम घोषित नहीं किया है जबकि 4 सीटें राष्ट्रीय जनता दल के लिए छोड़ी गई हैं। जो बिहार और झारखंड में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है। वहीं इस पहली सूची में कई दिग्गजों के नाम गायब है। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल को पार्टी ने मैदान में नहीं उतारा है।

अग्रवाल दिल्ली की चांदनी चौक से टिकट चाह रहे थे, लेकिन यहां उन पर अलका लांबा भारी पड़ी हैं। इसके साथ ही पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा को टिकट दिया है। वहीं कैम्पेन कमिटी के प्रमुख कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम आजाद को टिकट मिला है। शिवानी चोपड़ा कालका जी से मैदान में तो पूनम आजाद को संगम विहार से टिकट दिया है। इसके साथ ही पूर्व विधायक कंवर करण सिंह की बेटी आकांक्षा ओला को टिकट दिया गया है।

इसके साथ ही योगानंद शास्त्री की बेटी प्रियंका सिंह को टिकट दिया गया है। वहीं बाबरपुर सीट से पार्टी नेता कैलाश जैन की बहु अवनिक्षा त्रिपाठी जैन को टिकट दिया गया है। इसके अलावा मुस्तफाबाद से पूर्व विधायक हसन अहमद के बेटे अली मेहंदी को मैदान में उतारा गया है। जबकि रोहतास नगर से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम बाबू शर्मा के बेटे पूर्व विधायक विपिन शर्मा टिकट दिया गया है।