नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच चल रहा विवाद अब कांग्रेस के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। कमलनाथ ने सिंधिया की शिकायत आलाकमान से की है जबकि सिंधिया लगातार कमलनाथ के खिलाफ बयान दे रहे हैं। वहीं इन दोनों नेताओं के बीच चल रही जंग का फायदा राज्य के दूसरे नेता उठा रहे हैं। जो सिंधिया की तरह राज्यसभा के लिए दावेदारी कर रहे हैं।

असल में सिंधिया और कमलनाथ के बीच चल रही जंग आज की नहीं है। सिंधिया राज्य में अपने लिए सम्मानजनक पद चाहते हैं। वहीं गुना में लोकसभा चुनाव हार जाने के बाद सिंधिया की आलाकमान के सामने हैसियत भी कम हुई है। लिहाजा वह राज्यसभा की सीट के साथ ही प्रदेश कांग्रेस की कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं। जबकि कमलनाथ राज्य में लगातार सिंधिया को कमजोर कर रहे हैं। राज्य में आज कमलनाथ के हाथ में सत्ता के साथ ही संगठन की कमान है। वह जो फैसले चाह रहे हैं उसे राज्य में लागू कर रहे हैं।

पिछले दिनों सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सिंधिया राज्य में एकाएक सक्रिय हुए हैं और ये माना जा रहा है कि सोनिया गांधी ने सिंधिया को आर्शीवाद दिया है। सिंधिया की इसी सक्रियता को लेकर कमलनाथ परेशान है और दो दिन पहले ही उन्होंने भी सोनिया गांधी से सिंधिया की शिकायत की। लेकिन अभी तक आलाकमान इन दोनों नेताओं के बीच चल रहे जंग को खत्म नहीं कर पा रहा है। उधर कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान की तर्ज पर सरकार और संगठन के बीच समन्वय बनाने के लिए दिल्ली में बैठक हुई थी। लेकिन अभी तक ये बेनतीजा रही है। सिंधिया राज्यसभा की दावेदारी कर रहे हैं। लेकिन कमलनाथ राज्यसभा में अपने किसी करीबी नेता को भेजना चाहते हैं।

वहीं राज्य में सिंधिया और कमलनाथ के बीच चल रही जंग का फायदा कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को मिल रहा है। जो दोनों धड़ों को अपना समर्थन दे रहे हैं। क्योंकि दिग्विजय सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल में हीं खत्म हो रहा है। हालांकि अभी तक उन्होंने खुले दौर पर दावेदारी नहीं की है। लेकिन उन्होंने कमलनाथ सरकार की तारीफ कर कमलनाथ को खुश करने की कोशिश की है। जबकि इससे पहले दिग्गी राजा कमलनाथ सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे थे। दिग्गी राजा भी किसानों की कर्ज माफी को लेकर कमलनाथ सरकार की खिंचाई कर चुके हैं।