नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और वैसे ही  लोगों की चिंता, मानसिक और बढ़ रही हैं। लेकिन कोरोना के संकट में आप अपनी प्रतिरोधक क्षमता को मानसिक और शारीरिक तौर पर घर पर ही बढ़ा सकते हैं। अगर आप इन सलाहों को अपनाते हैं तो आपकी स्वास्थ्य  समस्याएं दूर हो जाएंगी। यहां केवल पांच तकनीकें हैं जिनका अनुसरण करने की सलाह आपको दी जातीहै और इससे आपके जेहन में कोरोना को लेकर भरा डर और स्वास्थ्य समस्याएं दूर हो जाएंगी। इन तकनीक के जरिए आप सामान्य सर्दी, फ्लू के प्रभाव को कम कर सकते हैं। आज इस बारे में योगी प्रशांत आपको जानकारी दे रहे हैं कि कैसे अपने जीवन को इन पांच तकनीक के जरिए बेहतर बनाया जा सकता है।

योगी प्रशांत बताते हैं कि कोरोना संक्रमण से आप घर पर ही बचाव कर सकते हैं। इन पांच तकनीक के जरिए आप  अपनी शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं और इसके कारण संक्रमण आपको कम प्रभावित करेगा। आज भी लोग घरों में घरेलू उपचार के जरिए फ्लू या संक्रमण को कम कर रहे हैं। योगी प्रशांत के मुताबिक इन पांच तकनीक आप अपनाएं जरूर।

1-आसन, प्राणायाम करें।
2-आयुर्वेदिक जड़ी बूटी लें।
3-उपयोग करने के लिए योगिक क्रिया।
4-शांत रहें, नींद लें।
5-प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ाएं और यह आपके तनाव को भी कम करने में मदद करेगा।

योगी प्रशांत  के मुताबिक इन पांच तकनीक के अलावा शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए इन का भी प्रयोग करें।
 1- गर्म खारे पानी को गार्निश करें और नेती पॉट का उपयोग करें।
2.-तुलसी की चाय पिएं।
3-आयुर्वेदिक मालिश।
4- साँस गहरी-साँस ले और साँस छोड़े।
5- एक संतुलित नींद लगें। 

1-योगी प्रशांत के मुताबिक गर्म पानी में गार्गल करने से बीमारी, कीटाणुओं और जीवाणुओं को रोकने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही आपके रक्त प्रवाह में मदद मिलेगी और इसके कारण 24 घंटे तक नाक और गले में प्रतिरक्षा बनी रहेगी।

2-उनके मुताबिक तुलसी की चाय पिएं। तुलसी में प्रतिरोधक क्षमता काफी ज्यादा होती है और इसका इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा चिकित्सकों द्वारा भी किया जाता है। तुलसी का इस्तेमाल भारत में ब्रोंकाइटिस, ब्रोन्कियल अस्थमा के इलाज के लिए भी किया जाता है।  इसके साथ ही बुखार, कीड़े के काटने आदि में भी तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी का उपयोग हमेशा विभिन्न बीमारियों के प्रबंधन में किया जाता है।

3-प्राचीन परंपरा के अनुसार अभ्यंग-स्व आयुर्वेदिक मालिश, यह कुल स्वास्थ्य देखभाल के लिए बेहतर मानी जाती है और हमारे ऋृषि मुनि इसका प्रयोग किया करते थे और लंबी आयु पाते थे। आत्म मालिश के दैनिक अभ्यास से नर्वस को पोषण मिलता है।

4- सांस गहरी-उचित साँस लेने और साँस छोड़ने से आपके फेफड़े मजबूत होते हैं और ये शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को साफ करते हैं। प्राणायाम के दैनिक अभ्यास से तनाव कम होता है और फेफड़े खुल जाते हैं।  इसके साथ ही प्रतिरक्षा में सुधार करता है। वहीं प्राणायाम ब्लड प्रेशर कम और पाचन में सुधार होता है। 

योगी प्रशांत के मुताबिक इन योगों का प्रयोग करें और शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं।
1. बैठना और साँस लेना (सुखासन और प्राणायाम)
2. मछलियों के आधे भगवान (अर्ध मत्स्येन्द्रासन)
3. सपोर्टेड फिश पोज़ (मत्स्यस्य वारीकरण)
4. फॉरवर्ड फोल्ड (उत्तानासन)
5. पैर दीवार (विपरीत करणी)
6. माला मुद्रा (मालासन)
7. डाउनवर्ड-फेसिंग डॉग पोज (अधो मुख सवासना)
8. अपवर्ड प्लांक पोज़ (पुरुषोत्तानासन)