पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की रैलियों को राज्य सरकार अनुमति नहीं दे रही है। लोकसभा के अंतिम चरण में राज्य की नौ सीटों पर 19 मई को मतदान होना है। लेकिन बीजेपी नेताओं की रैलियों की अनुमति न मिलने के कारण इन्हें रद्द करना पड़ रहा है। फिलहाल एक बार फिर ममता सरकार ने राज्य में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को रैली करने की इजाजत नहीं दी है।

सोमवार को ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पश्चिम बंगाल के जाधवपुर में रैली करनी थी। लेकिन राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने शाह के हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद अमित शाह को रैली को रद्द करना पड़ा था। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब ममता सरकार बीजेपी के नेताओं की रैलियों को अनुमति नहीं दे रही है। इससे पहले भी वह बीजेपी के कई नेताओं की रैलियों को रद्द कर चुकी हैं।

पश्चिम बंगाल में अभी तक संपन्न हुए छह चरणों के मतदान में चुनावी हिंसा देखने को मिली है। जिसका बीजेपी विरोध कर रही है। लिहाजा अब ममता बनर्जी सरकार बीजेपी नेताओं को रैली के लिए अनुमति नहीं दे रही है। बंगाल सरकार से रैली की अनुमति न मिलने के बाद अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की रैली रद्द हो गयी है। योगी की राज्य में 15 मई को रैली होनी थी। इसके लिए बीजेपी ने स्थानीय प्रशासन से बुधवार को हावड़ा में दोपहर 12.30 बजे, जबकि उत्तरी कोलकाता में 2 बजे और 3 बजे केएफआर ग्राउंड में रैली आयोजित करने के लिए अनुमति मांगी थी।

यही नहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की रैलियों को भी अनुमति नहीं दी है। उधर बीजेपी नेता सुनील देवधर ने पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को मंगलवार को पश्चिम बंगाल आना था। लेकिन आखिरी समय में रैली के लिए अनुमति नहीं मिली। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन और चुनाव अधिकारी टीएमसी के दलाल बने हुए हैं।