नई दिल्ली। अयोध्या में होने वाले राम मंदिर निर्माण के लिए राम मंदिर ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खास अफसर रहे नेपृन्द्र मिश्रा को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। मिश्रा को निर्माण समिति का प्रमुख बनाया गया है। मिश्रा कुछ समय पहले ही प्रधानमंत्री के प्रधान मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुए हैं और उन्हें पीएम के भरोसे का अफसर माना जाता है।

राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों की बैठक हुई थी। जिसमें मिश्रा को इस पद पर नियुक्त किया गया है। उनका जिम्मा राम मंदिर निर्माण का होगा। वहीं महंत नृत्य गोपाल दास राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट की पहली बैठक में अध्यक्ष और विहिप के अंतरराष्ट्रीय महासचिव चंपत राय को महासचिव चुना गया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील और राम मंदिर मामले में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ वकील के पराशरन के घर पर आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख के रूप में भी चुना गया।

बैठक का उद्देश्य अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में तेजी लाने के लिए तौर-तरीकों पर काम करना था। राम मंदिर निर्माण के लिए दान के लिए अयोध्या के भारतीय स्टेट बैंक शाखा में खाता खोलने का भी निर्णय लिया गया। वहीं बैठक में पुणे के स्वामी गोविंद देव गिरि को ट्रस्ट का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस ट्रस्ट का गठन केंद्र सरकार द्वारा किया गया है।

गौरतलब है कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने 5 फरवरी को संसद में 15 सदस्यीय ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में सात सदस्य, पांच मनोनीत सदस्य और तीन ट्रस्टी हैं। इसका गठन पिछले नवंबर में अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के पालन में किया गया था।

वहीं वरिष्ठ वकील परासरन को ट्रस्ट के प्रमुख के रूप में नामित किया गया था और इसके अन्य सदस्यों में जगतगुरु शंकराचार्य, ज्योतिषीपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज इलाहाबाद से, उडुपी, उडुपी में उडुपी के मठ, उडुपी मठ में जगतगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नातीर्थ जी महाराज, पीजावर मठ,पुणे से गिरि जी महाराज और अयोध्या से विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र शामिल हैं।