अहमदाबाद। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच गुजरात सरकार ने ऐलान किया है कि कोई भी फैक्ट्री मालिक कामगारों को नौकरी से नहीं निकालेगी और ना ही उनका वेतन रोकेगी। अगर किसी ने राज्य सरकार नियमों का पालन नहीं किया तो उसे एक साल की सजा मिलेगी। देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण सभी फैक्ट्रियां बंद हैं और कामगार बेरोजगार हैं। जिसके कारण वह अपने मूल स्थानों को वापस लौट रहे हैं।


गुजरात सरकार ने राज्य के फैक्टरी मालिकों के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं।  इसके तहत देशभर में चल रहे लॉकडाउन के दौरान फैक्ट्री प्रबंधन किसी मजदूर और कामगार को नौकरी ने बाहर नहीं करेगी और ना ही उनके वेतन से किसी भी  तरह की कटौती करेगी। अगर प्रबंधन ऐसा कुछ करता है तो उसे एक साल की सजा मिल सकती है। गुजरात सरकार ने कहा कि अगर कोई ऐसा सकता है तो उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।

गुजरात की ज्यादातर फैक्ट्रियां बंद हैं और ज्यादातर कामगार अपने मूल स्थानों में जा चुके हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस नोटिफिकेशन के तहत राज्य की विभिन्न  फैक्ट्रियों में काम करने वाले 18 लाख मजदू्रों, रजिस्टर्ड ठेकेदारों के  25 लाख मजदूर और दुकानों में काम करने वाले 12 लाख कर्मचारियों को राहत मिलेगी। हालांकि राज्य सरकार ने ये ऐलान नहीं किया है कि इसके ऐवज में फैक्ट्रियों और कारोबारियों को क्या सहूलियत सरकार देगी।

सरकार ने ये भी कहा कि फैक्ट्री मालिक या कंपनी अपने कर्मचारियों या मजदूरों की छंटनी नहीं करेंगी और जो राज्य सरकार के फैसले को नहीं मानेंगी उनके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत  कार्यवाही की जाएगी। देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है और ये इस महीने की 15 तारीख को खत्म होगा। वहीं इस दौरान सरकार ने लोगों से घरों में रहने को कहा है।