लखनऊ। केन्द्र सरकार ने साफ कर दिया है कि नागरिकता संसोधन कानून किसी भी कीमत पर वापस नहीं होगा। भले ही कोई कितना विरोध प्रदर्शन ही क्यों न करे। लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विरोध करने वालों को दो टूक कह दिया है कि किसी भी कीमत पर ये कानून वापस नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस कानून को लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं।

अमित शाह ने कहा कि विपक्ष नागरिकता कानून का विरोध कर रहा है। और दुष्प्रचार फैला रहा है। लेकिन इस कानून से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल दुष्प्रचारऔर भ्रम फैला रहे हैं और भाजपा इसको सच्चाई बताने के लिए जन जागरण अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि चाहे कांग्रेस हो या फिर ममता बनर्जी या फिर अखिलेश यादव सभी इस कानून को लेकर भ्रम फैला रहे हैं।

अमित शाह ने कहा कि इस बिल को मैंने लोकसभा में पेश किया था और विपक्षी दलों से कहना चाहता हूं इस कानून को लेकर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। ये साबित करके दिखाओ की कैसे किसी व्यक्ति की नागरिकता खत्म होगी। उन्होंने कहा कि इस कानून में किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है। अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुए और वहां पर धार्मिक स्थल तोड़े जाते हैं।

लिहाजा इन देशों से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए ये कानून है। कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के कारण धर्म के आधार पर देश के दो टुकड़े है और कांग्रेस पार्टी ने 16 जुलाई 1947 को एक प्रस्ताव में धर्म के आधार पर विभाजन को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष दल केवल जनता को बरगला रहे हैं। इसके आलावा कुछ नहीं कर रहे हैं। जिनको इस कानूून की जानकारी नहीं वह इसे गलत बता रहे हैं।