मुंबई। महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने राज्य में भाजपा को मात देने के लिए बड़ा ऐलान किया है।  हालांकि कांग्रेस और एनसीपी इसका विरोध कर रहे हैं। उसके बावजूद राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार ने दांव खेलते हुए राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में कार्यक्रम के दौरान वंदे मातरम राष्ट्रगीत गाने का फरमान जारी किया है।

राष्ट्रवाद के मुद्दे पर  अब महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार भारतीय जनता पार्टी मात देना चाहती है। लिहाजा उद्धव ठाकरे सरकार ने संदेश देने के लिए महाराष्ट्र के स्कूलों और कॉलेजों में किसी भी कार्यक्रम से पहले राष्ट्रगीत गाने का आदेश दिया है। कुछ दिन पहले ही शिवसेना ने दावा किया था कि उसने हिंदुत्व के मुद्दे को नहीं छोड़ा है। भले ही वह राज्य में कांग्रेस के साथ सरकार में है। लिहाजा राज्य सरकार ने महाराष्ट्र के लिए ये नया दांव चला है।

ये आदेश राज्य के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए अनिवार्य किया गया है। हालांकि राज्य में कांग्रेस और एनसीपी इसका विरोध कर रहे हैं।  क्योंकि अल्पसंख्यकों को राष्ट्रगीत से परेशानी है। लिहाजा का्ंग्रेस सरकार इसके खिलाफ है। लेकिन राज्य में हिंदुत्व की राजनीति पर कमजोर पड़ती शिवसेना ने ये जताने के लिए ये अहम फैसला किया है कि उसने हिंदुत्व के मुद्दों को नहीं छोड़ा है। पिछले  दिनों ही शिवसेना ने राज्य से घुसपैठियों को बाहर निकालने का आदेश दिया था और इसके लिए उसने केन्द्र की भाजपा सरकार को समर्थन दिया था। वहीं राज्य में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के सक्रिय होने के बाद शिवसेना को लग रहा है कि उसकी राज्य में हिंदुत्व की राजनीति खत्म हो जाएगी।

क्योंकि मनसे से अपने अधिवेशन के पहले ही दिन से जता दिया है कि वह अब मराठी मानुष के स्थान पर हिंदुत्व की राजनीति करेगी। जो सीधे तौर पर शिवसेना को टक्कर देगी। लिहाजा शिवसेना सरकार ने इस आदेश के जरिए जता दिया है कि वह भी हिंदुत्व की ही राजनीति करेगी। हालांकि शिवसेना सरकार का कहना है कि छात्रों में देशभक्ती की भावना पैदा हो और आजादी के लिए बलिदान देने वालों की जानकारी मिले, इसलिए यह फैसला लिया गया है।