नई दिल्ली। देशभर में कोरोना का वायरस का संक्रमण तेजी से फेल रहे हैं।  वहीं भारत में अभी हालात वो नहीं है जो विश्व के अन्य देशों के हैं।  खासतौर से बिहार के। भारत में अभी कोरोना का संक्रमण अन्य देशों की तुलना मे कम है। इसका सबसे बड़ा  कारण यहां के लोगों की इम्मूनिटी है। विश्व में ज्यादा अन्य देशों के मरीजों को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है वहीं भारत के मरीज वैसे ही ठीक हो रहे हैं। कुछ ऐसी ही स्थित बिहार की भी है। जहां अब तक किसी भी मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ी है।

बिहार में अभी तक कोरोना के 60 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि देश के अन्य राज्यों से बिहार जाने वालों की संख्या सबसे ज्यादा था। लेकिन राज्य सरकार ने ऐसी  व्यवस्था की थी कि बाहर से आने वाले सभी प्रवासियों को सीमाओं पर रोक कर उनके क्वारंटिन की  व्यवस्था की गई थी।  राज्य में अभी तक 15 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं वहीं अभी तक एक मरीज की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई है। अगर देखें तो आबादी के हिसाब से अभी  तक राज्य की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है।

इसका सबसे बड़ा  कारण राज्य के लोगों की प्रतिरोधक क्षमता है। इसके लिए कारण अभी तक राज्य के हालत अच्छे हैं। जबकि इसकी तुलना में महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में कोरोना का संक्रमण देखा जा रहा है। विश्व में जहां कोरोना के मरीजों को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है वहीं बिहार में मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ रही है। बिहार में अभी तक कोरोना की रोकथाम के लिए मरीजों को मलेरिया की दवा दी जा रही है और इससे मरीज ठीक हो रहे हैं।

राज्य से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक राज्य में केवल दो मरीजों को इमरजेंसी वॉर्ड में शिफ्ट किया गया है। जानकारों का कहना है कि बिहार के लोग हर साल कई महीने विभिन्न तरह के वायरस का सामना  करते हैं जिसके कारण इनकी इन्यूनिटी अन्य राज्यों की तुलना में अच्छा है और इसके कारण बिहार के लोगों के शरीर में बेस्ट लाइन इम्यूनिटी सिस्टम डेवलप हो गया है।  हालांकि इसके लिए कोई वैज्ञानिक पुष्ठि नहीं हुई है।

दस मरकज के लोग चिन्हित

राज्य में मरकज से जुड़े 10 लोग चिन्हित किये जा चुके हैं। बिहार के नवादा,सिवान और बेगुसराय समेत छह जिलों इन लोगों को क्वारंटिन किया गया है। उन जगहों को पूरी तरह सील कर दिया गया है। जहां पर ये लोग मिले हैं।