मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद छिड़ी लड़ाई और ज्यादा तेज हो गई। पार्टी के नेता राज्य के पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। हालांकि अभी तक किसी भी नेता ने खुलकर फडणवीस के खिलाफ बयान नहीं दिया है। लेकिन परोक्ष तौर पर सभी उन पर निशाना साध रहे हैं। पिछले दिनों ही फडणवीस के खिलाफ पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने भी परोक्ष तौर पर निशाना साधा था। 

राज्य भाजपा में चुनाव के बाद कलह उभर रही आ रही है। विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी को हार मिली। इसके कारण पार्टी राज्य में सरकार नहीं बना पाई। हालांकि भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़ कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाई। चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता पंकजा मुंडे को हार का सामना करना पड़ा। पंकजा का आरोप है कि पार्टी के कुछ नेताओं ने उन्हें हराया। हालांकि उन्होंने इस बार में खुलकर आरोप नहीं लगाया।

कुछ इसी तरह से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एकनाथ खड़से ने भी कहा कि अगर पार्टी कुछ नेताओं का टिकट नहीं काटती तो आज पार्टी सत्ता में होती। हालांकि पार्टी ने खड़से को टिकट नहीं दिया। उनकी बेटी को टिकट दिया लेकिन उसे भी हार का सामना करना पड़ा। लिहाजा चुनाव में मिली हार के बाद खड़से ने एक रिपोर्ट पार्टी को दी। पिछले दिनों ही फडणनीस ने राज्य में सरकार बनाने से विफल रहने के बाद शिवसेना सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि वह समंदर हैं लौटकर फिर आएंगे।

लेकिन आज पंकजा ने रैली में कहा कि 'शांत बैठी हूं ये मत समझना आग नहीं मेरे अंदर, डरती हूं समंदर न कम पड़ जाए आग बुझाने के लिए।' हालांकि इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। लेकिन राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है महाराष्ट्र में फडणवीस के खिलाफ कई नेता अंदर ही अंदर विरोध कर रहे हैं। क्योंकि राज्य में उनके नेतृत्व ही चुनाव लड़े गए थे और पिछले पांच साल राज्य में सरकार और संगठन उन्होंने अपने ही तरह चलाया। यही नहीं पंकजा भी फडणवीस सरकार में दरकिनार कर दिया गया था और घोटाले के आरोप में खड़से को कैबिनेट से बाहर कर दिया गया था।