नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में अभी तक सबसे फीका चुनाव प्रचार कांग्रेस का ही है। प्रचार को देखकर लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है। लेकिन इसके पीछे कांग्रेस की रणनीति तैयार है और जिसके तहत ही वह अभी तक चुनाव प्रचार से दूर है। कांग्रेस अंतिम समय में राज्य में प्रचार पर जोर देना चाहती है। लिहाजा उसके दिग्गज खासतौर से गांधी परिवार अभी तक चुनाव प्रचार से दूर है। वहीं भाजपा ने अपने दिग्गजों को चुनाव प्रचार में उतारा है।

अपनी रणनीति के तहत कांग्रेस पार्टी अंतिम पांच दिनों के भीतर ही दिल्ली में धुआंधार प्रचार करेगी। इसके जरिए वह विपक्षी दलों को मात देना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने एक्शन प्लान तैयार किया है। जिसके जरिए वह आखिरी दिनों में जनता से कनेक्ट करेगी। अभी तक कांग्रेस पार्टी का प्रचार सबसे फीका और इसको देखते हुए लग रहा है कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले हार मान ली है। लेकिन ऐसा नहीं है। क्योंकि कांग्रेस देख रही है कि आप और भाजपा अपने किस तरह के दांव चुनाव में खेलते हैं।

लिहाजा वह आखिरी दिनों में धुआंधार प्रचार कर भाजपा और आप को किसी भी तरह का मौका नहीं देना चाहती है। हालांकि अब सबकी नजर गांधी परिवार पर लगी है। क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने स्टार प्रचारकों की सूची तो जारी कर दी है। लेकिन प्रचारक चुनाव मैदान में प्रचार नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस ने दिल्ली प्रचार के लिए सभी कांग्रेस शासित राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम को उतारा है। वहीं पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की सभाएं और प्रियंका गांधी के रोड शो की तैयारी कर रही है।

माना जा रहा है कि अन्य नेताओं की तुलना में गांधी परिवार ज्यादा  प्रचार नहीं करेगा।  वहीं कांग्रेस के चुनावी  प्रबंधकों ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत,भूपेश बघेल, सचिन पायलट समेत कई नेताओं के लिए प्रचार कार्यक्रम तैयार किया है। कांग्रेस अपने 15 साल के कार्यकाल को दिल्ली में भुनाना चाहती है और लिहाजा वह विकास पर ज्यादा बात करेगी।

इसके साथ ही कांग्रेस ने देश के विभिन्न राज्यों के 100 से ज्यादा विधायकों की दिल्ली में ड्यूटी लगाई है। इसी रणनीति के तहत पूर्वांचल के प्रभाव वाली सीटों पर बिहार और यूपी के विधायकों को तैनात किया है तो पंजाबी मतदाताओं के लिए पंजाब और हरियाणा के विधायकों को प्रबंधन सौंपा है। वहीं उत्तराखंड के लोगों के लिए उत्तराखंड से विधायक बुलाए गए हैं। इसके साथ  की कांग्रेस के लिए 31 जनवरी को घोषणा पत्र जारी कर सकती है।