लखनऊ। कोरोना के बढ़ती माहमारी के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पीएम केयर फंड की तर्ज पर राज्य में कोरोना केयर फंड की स्थापना करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में 1000 करोड़ रुपये का कोरोना केयर फंड बनाएगी जो परीक्षण सुविधाओं को स्थापित करने और वेंटिलेटर, मास्क और सैनिटाइजर खरीदने में मदद करेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र की तर्ज पर राज्य सरकार 1000 करोड़ रुपये का कोरोना केयर फंड बनाएगी जो परीक्षण सुविधाओं को स्थापित करने और वेंटिलेटर, मास्क और सैनिटाइजर खरीदने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि न केवल सरकार इस फंड में मदद करेगी, बल्कि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत कॉरपोरेट घरानों से भी मदद ली जाएगी। यही नहीं जनता से भी इस फंड में मदद करने को कहेगी। उन्होंने कहा कि हर विभाग और सभी 24 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में टेस्ट कराने की सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश राज्य सरकार करेगी।

उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि यदि लॉकडाउन हटा लिया जाता है तो स्थिति से निपटने के लिए एक कार्य योजना तैयार की जाएगी। योगी ने कहा कि अगर देशभर में 15 अप्रैल से लॉकडाउन हटा लिया जाता है, तो उस समय विभिन्न स्थानों में फंसे लोग वापस उनके मूल स्थानों में लौटने के लिए राज्य सरकार मदद करेगी। उन्होंने राज्य के अधिकारियों से कहा कि स्कूल, कॉलेज, विभिन्न बाजार और मॉल तालाबंदी के बाद कब और कैसे खुलेंगे, इस बारे में एक कार्य योजना तैयार करें।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि समय पर भोजन जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि हमें दो स्तरों पर तैयार रहना होगा।  वर्तमान स्थिति और भविष्य की स्थिति के मद्देनजर एक रणनीति तैयार की जाए।  हर जिले में सामुदायिक रसोई का संचालन करें, और स्वैच्छिक संगठनों और अन्य लोगों की मदद लें। एक संग्रह केंद्र स्थापित करें ताकि भोजन वितरित करने के लिए बाहर नहीं जाया जाए और वहां पर भोजन एकत्र करें और फिर वितरण के लिए आगे बढ़ें।

कोरोनोवायरस से निपटने के लिए एनेस्थेटिस्ट, महिलाओं और बाल विशेषज्ञों की सेवाओं को देखते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि निजी क्षेत्र  के डॉक्टरों की एक सूची बनाई जाए। योगी ने कहा कि जो लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ आपदा अधिनियम के तहत मामले दर्ज करें। जो लोग सरकार से असहमत हैं, उन्हें सख्त निगरानी में रखा जाए।