नयी दिल्ली। भारत के हथियारों से पूर्व सोवियत गणराज्य का देश आर्मेनिया मजबूत हो रहा है। यह भारत के हथियारों का सबसे बड़ा खरीददार बन गया है। जिसने मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम पिनाका से लेकर आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, मेड इन इंडिया तोप, एंटी टैंक रॉकेट, एंटी ड्रोन सिस्‍टम तक खरीदा है। अजरबैजान के हाथों आर्मेनिया को नगर्नो कराबाख वॉर में हार मिली थी। तभी से उसने भारतीय हथियारों की खरीद की तरफ कदम बढ़ाए हैं। 

इजरायल, पाकिस्तान और तुर्की से अजरबैजान को मदद

इधर, भारत से आर्मेनिया विध्वंसक हथियारों की खरीद कर रहा है। उधर, अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्‍हाम अलियेव टेंशन में आ गए हैं। दरअसल, अजरबैजान को इजरायल, पाकिस्तान और तुर्की के हथियारों से मदद मिल रही थी। पर आर्मेनिया को 'रूस-यूक्रेन वॉर' की वजह से रूस से हथियार उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे। नतीजतन, आर्मेनिया ने हथियारों की खरीद के लिए भारत का रूख किया। पिछले साल अक्टूबर में फ्रांस की रक्षा उपकरण बनाने वाली कम्पनियों से करार भी किया। इसी वजह से अजरबैजान के राष्ट्रपति तिलमिला उठे हैं और उन्होंने भारत से हथियारों की खरीद का विरोध किया है।

आर्मेनिया ने भारत से खरीदा 60 करोड़ डॉलर का हथियार

अजरबैजान के राष्ट्रपति अलियेव भारत के हथियारों से इतने चिंतित हैं कि पिछले दिनों उन्होंने इस सिलसिले में एक बड़ा बयान भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत, फ्रांस और ग्रीस आर्मेनिया को ​खुलकर हथियार मुहैया कर रहे हैं। वह भी हमारे खिलाफ। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2024-25 में आर्मेनिया ने भारत से 60 करोड़ डॉलर का हथियार खरीदा है। साल 2020 के कराबाख वॉर के बाद भारत और आर्मेनिया के सैन्य संबंध बढ़े हैं। 

दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की बैठक में हुई थी ये बात

बीते मई महीने में भारत और आर्मेनिया के सैन्य अधिकारियों की येरेवान में एक बैठक हुई थी। उसमें हथियारों की सप्लाई के साथ अनुभव, वॉर स्ट्रेटजी ट्रेनिंग और सैन्य शिक्षा पर भी बात हुई थी। बहरहाल, आर्मेनिया ने भारत से 90 तोपें खरीदी हैं। उनमें से 6 तोपें आर्मेनिया को उपलब्ध कराई जा चुकी हैं, जबकि बाकि तोपें आने वाले 3 साल में आर्मेनिया को सौंपी जाएंगी।

ये भी पढें-भारत में 75 साल से फ्री यात्रा करा रही ये ट्रेन, टिकट या रिजर्वेशन की जरूरत नहीं, जानें इसकी खासियत