नयी दिल्ली। पिछले दस वर्षों में भारत ने वैश्विक मंचों पर अहम स्थान हासिल किया है। दुनिया में भारत की अहमियत बढ़ी है। यह इसी से समझ जा सकता है कि चाहे यूक्रेन—रूस वॉर की बात हो या फिर कोविड महामारी में देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने का मामला। कई कंट्रीज भारत की तरफ आशा भरी नजरों से देखते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक, पहले भारत की बातों को नजरअंदाज किया जाता था, लेकिन अब ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत की आवाज़ सुनी जा रही है और कई जगहों पर लागू भी की जा रही है। 2014 से पहले भारत को 'नाज़ुक पांच' देशों में गिना जाता था, जबकि अब भारत दुनिया की 'शानदार पांच' अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है। अमेरिका के चार दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने यह बात कही।

विदेशी मुद्रा भंडार 675 बिलियन डॉलर

उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि भारत 2027 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा। 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने में सफलता प्राप्त की गई है, और मौजूदा खुदरा मुद्रास्फीति 3.54 प्रतिशत पर आ चुकी है। विदेशी मुद्रा भंडार 675 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।

डिफेंस एक्सपोर्ट 600 करोड़ से 21000 करोड़ रुपये

अपने दौरे के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में लगातार कदम उठा रहा है। मोदी सरकार के कार्यकाल से पहले, भारत का रक्षा निर्यात केवल 600 करोड़ रुपये था। लेकिन अब, घरेलू कंपनियों द्वारा अत्याधुनिक रक्षा वस्तुओं के निर्माण के कारण रक्षा निर्यात 21,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। 

स्टार्ट-अप्स की संख्या 1.20 लाख

भारत में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने काफी प्रयास किए। स्टार्टअप की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। मौजूदा समय में देश में स्टार्ट-अप्स की संख्या 1.20 लाख तक पहुंच गई है, जो 2014 में केवल 400 के आसपास थी। राजनाथ सिंह ने बताया कि "हम एक विकसित, मजबूत और समृद्ध भारत का निर्माण करना चाहते हैं," और इसके लिए सरकार तेजी से काम कर रही है।

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