'कलाम ड्रोन' भारत के दुश्मनों पर कहर बनकर टूट पड़ेगा। 100 किलोमीटर दूर आंतकी ठिकानों को भी तबाह करने की ताकत है। यह इनोवेशन आईआईटी कानपुर का है। खास यह है कि दुश्मनों पर आग बरसाने वाला यह ड्रोन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस होगा।
कानपुर। 'कलाम ड्रोन' भारत के दुश्मनों पर कहर बनकर टूट पड़ेगा। 100 किलोमीटर दूर आंतकी ठिकानों को भी तबाह करने की ताकत है। यह इनोवेशन आईआईटी कानपुर का है। खास यह है कि दुश्मनों पर आग बरसाने वाला यह ड्रोन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस होगा। 40 मीटर प्रति सेकेंड की स्पीड से 4 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
6 किलो विस्फोटक ले जा सकता है ड्रोन
आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक डॉ. सुब्रमण्यम सरडेला और उनकी टीम ने इसका नाम पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा है। तकनीकी तौर पर इसे एपीजेके6सी100 कहा जाएगा। दरअसल, कानपुर के वैज्ञानिक लगातार देश को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए डिफेंस कॉरिडोर के तहत बजट दिया गया था। ड्रोन 6 किलो तक विस्फोटक भी ले जा सकता है।
कलाम ड्रोन की खासियत
- दूरदराज के संवेदनशील आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने में सक्षम।
- 6 किलोग्राम वजनी वॉरहेड ले जाने की कैपेसिटी।
- कलाम ड्रोन एआई तकनीक बेस्ड है। उसी तकनीक के आधार पर काम करता है।
- कलाम ड्रोन की लंबाई 2 मीटर।
- कैनिस्टर या कैटापॉल्ट से लॉन्च करने की सुविधा।
- वॉरहेड के साथ जल्द टेस्टिंग की संभावना।
- कलाम ड्रोन बैट्री से संचालित होता है।
रात में भी उड़ान कैपेसिटी
कलाम ड्रोन रात में भी उड़ान भर सकता है। एक बार इसका लक्ष्य तय कर दिया जाए तो उससे सिर्फ 2 मीटर दाएं-बाएं ही भटक सकता है। रिमोट से कंट्रोल किया जाता है। जीपीएस ब्लॉक करने के बाद भी खुद फैसला ले सकता है और इस आधार पर पहले से तय ठिकानों को ध्वस्त कर सकता है।
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Last Updated May 21, 2024, 5:41 PM IST