​नयी दिल्ली। चीन और पाकिस्तान सीमा पर दुश्मनों को जवाब देने के लिए भारतीय सेना तैयार है। ऐसा एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम विकसित करने की दो प्रमुख परियोजनाओं पर काम हो रहा है, जिन्हें सैनिक कंधों की सहायता से लॉन्च कर सकेंगे। थल और वायु सेना को 350 से ज्यादा लॉन्चर और करीबन 200​ मिसाइलें उपलब्ध कराए जाने की योजना है। भारत की यह तैयारी सशस्त्र बलों को और ताकत देगी।

इन दो प्रमुख परियोजनाओं पर हो रहा काम

रिपोर्टस के मुताबिक, लेजर बीम राइडिंग वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम का है। इसे स्वदेशी प्रोटोटाइप के रूप में विकसित करने का काम कंपनियों को दिया गया है। दूसरा प्रोजेक्ट अडानी डिफेंस और हैदराबाद की फर्म  I-Comm इंजीनियरिंग लिमिटेड के साथ किया जा रहा है। इसके परिणाम उत्साहजनक हैं। यह प्रोजेक्ट डिफेंस रिसर्च और डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन द्वारा कराया जा रहा है। 

ट्राइपॉड बेस्ड सिस्टम हवा में भेद सकता है टारगेट

रिपोर्ट के अनुसार, एजेंसी की तरफ से ऐसा डीआरडीओ सिस्टम बनाया गया है, जो एक ट्राइपॉड बेस्ड सिस्टम है। यह हवा में टारगेट भेद सकती है। पर सेना का मानना है कि सिस्टम ऐसा बनाया जाए, जो सैनिकों के लिए सुलभ हो और उनके कंधों की सहायता से ही मिसाइल लॉन्च किया जा सके। साल 2009 से ही भारत कंधे से दागे जाने वाली मिसाइल को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।

मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत प्रोजेक्ट शुरू करने की प्लानिंग

इसका रिप्लेसमेंट तलाश गया। इसके लिए टेंडर प्रॉसेस के बाद रूसी प्रणाली इग्ला-एस सामने आई, जिसने सबसे कम बोली लगाई और जरूरतों को भी पूरा करती है। हालांकि इस प्रोजेक्ट को रद्द करने का फैसला लिया गया। अब फिर इसे प्रोजेक्ट को नये सिरे से शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत यह प्रोजेक्ट फिर शुरू करने की प्लानिंग है। इस सिलसिले में संबंधित अफसरों की एक बैठक भी प्रस्तावित है। हालिया, आर्मी को रूस से 48 लॉन्चर मिले हैं और आने वाले दिनों 48 और लॉन्चर मिल सकते हैं। 

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