नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर अपनी टेक्नोलॉजी के पॉवर का प्रदर्शन कर दुनिया को चौंका दिया है। दुनिया का सबसे ताकतवर हाइड्रोजन ट्रेन इंजन बनाया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में साझा किया। उन्होंने इसे एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। 

क्यों है दुनिया का सबसे ताकतवर हाइड्रोजन इंजन?

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे द्वारा बनाया गया यह हाइड्रोजन ट्रेन इंजन दुनिया में सबसे अधिक हॉर्स पावर वाला है। जहां अन्य देशों में हाइड्रोजन ट्रेन इंजन की क्षमता 500 से 600 हॉर्स पावर के बीच है, वहीं भारतीय रेलवे का यह इंजन 1,200 हॉर्स पावर की क्षमता रखता है। यह क्षमता इसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेन इंजन बनाती है। इस प्रोजेक्ट में स्वदेशी टेक्नोलॉजी का यूज किया गया है, जो भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इस रूट पर होगा परीक्षण

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस अत्याधुनिक हाइड्रोजन ट्रेन का पहला परीक्षण हरियाणा के जींद-सोनीपत रूट पर किया जाएगा। इंजन का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है। वर्तमान में इसके सिस्टम का एकीकरण (Integration) चल रहा है। परीक्षण पूरा होने के बाद इसे व्यापक रूप से उपयोग में लाया जाएगा। यह परीक्षण भारत के हरित ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के सपने को साकार करने वाला एक महत्वपूर्ण चरण है।

कैसे काम करता है हाइड्रोजन इंजन?

हाइड्रोजन इंजन को इनवायरमेंट कंजर्वेशन और ऊर्जा की नई संभावनाओं के रूप में देखा जा रहा है। यह इंजन शून्य कार्बन उत्सर्जन (Zero Carbon Emission) करता है। इंजन को चलाने के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल में ऑक्सीजन के साथ हाइड्रोजन का रिएक्शन कराया जाता है। इससे ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो ट्रेन की इलेक्ट्रिक मोटर को चलाती है। कुछ मामलों में हाइड्रोजन को इंटरनल कंबशन इंजन में जलाया जाता है, जिससे ट्रेन को पावर मिलती है। यह तकनीक डीजल और बिजली के उपयोग को पूरी तरह खत्म कर देती है।

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