नई दिल्ली। जब दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं मंदी का सामना कर रही हैं, भारत अपनी आर्थिक मजबूती के दम पर एक अलग ही पहचान बना रहा है। ग्लोबल अनिश्चितताओं और बढ़ी हुई ब्याज दरों के बावजूद, भारत के विकास की रफ्तार बनी हुई है। 2031 तक भारत के $7 ट्रिलियन इकोनॉमी बनने का सपना अब दूर नहीं लगता। आइए, जानते हैं कि किन क्षेत्रों में भारत की चमक बरकरार है और कौन से सामानों की डिमांड बढ़ रही है।

2031 तक $7 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य

फाइनेंशियल ईयर 2025-31 तक इंडिया की इकोनॉमिक ग्रोथ 6.7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। 
यह अनुमान क्रिसिल की रिपोर्ट में लगाया गया है। 
साल 2031 तक भारत बन सकता है $7 ट्रिलियन की इकोनॉमी। 

महंगाई पर कंट्रोल

फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में महंगाई दर 4.5% रहने की उम्मीद है, जो इससे पहले 5.4% थी। इसकी वजह खाद्य मुद्रास्फीति में कमी। बेहतर आपूर्ति शृंखला प्रबंधन और आरबीआई का योगदान है। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आरबीआई की नीतियां प्रभावी साबित हो रही हैं।

भारत का एक्सपोर्ट कितना बढ़ा?

भारत का मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट सालाना आधार पर 17.25% बढ़ा है। पिछले वर्ष यह $33.43 अरब था, जो वर्तमान वर्ष में $39.20 अरब तक पहुंच गया है। सर्विसेज को भी जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा 73.21 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल अक्टूबर महीने में हुए एक्सपोर्ट के आंकड़े से 19% ज्यादा है। 

डिमांड में सबसे आगे कौन से सामान?

ग्लोबल लेवल पर भारत के इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। यह भारतीय तकनीकी कुशलता का प्रमाण है, जो बता रहा है कि भारत के इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी पॉपुलर हो रहे हैं। भारत का केमिकल सेक्टर ग्लोबल मार्केट में अपनी पहचान बना रहा है। भारतीय टेक्सटाइल उद्योग ने भी एक्सपोर्ट में बड़ा योगदान दिया है।

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