भारत की "पड़ोसी प्रथम" नीति के तहत श्रीलंका के साथ गहरे सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। 4 बिलियन डॉलर की मदद से लेकर ऊर्जा और डिजिटल परियोजनाओं तक, भारत का सहयोग श्रीलंका को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहा है।
नई दिल्ली। भारत और श्रीलंका के संबंध गहरे सांस्कृतिक, धार्मिक और सभ्यतागत जुड़ाव पर आधारित हैं। भौगोलिक निकटता और लोगों के बीच मजबूत संबंध दोनों देशों के बीच प्राकृतिक साझेदारी को बढ़ावा देते हैं। हिंद महासागर के इस क्षेत्र में दोनों देश एक-दूसरे के पूरक हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की "पड़ोसी प्रथम" (Neighbourhood First) पॉलिसी भारत की फॉरेन पॉलिसी में प्रमुख है। श्रीलंका इसमें एक विशेष स्थान रखता है। 16 दिसंबर 2024 को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायका भारत की यात्रा पर थे। उनकी पीएम नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात ने इस पर मुहर लगा दी है।
2022 में भारत ने श्रीलंका को दी 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद
2022 में श्रीलंका को आर्थिक संकट से जूझते हुए भारत ने 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद दी। भारत ने श्रीलंका के लोन रिस्ट्रक्चर में भी अहम भूमिका निभाई है। दोनों देशों के नेताओं ने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देने पर जोर दिया। तय किया गया कि संसदीय स्तर पर विचार-विमर्श और आदान-प्रदान का तंत्र मजबूत बनाया जाएगा।
श्रीलंका में भारत की प्रमुख परियोजनाए
भारतीय आवास परियोजना।
हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं।
भारत की मदद से श्रीलंका नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
सामुदायिक विकास परियोजनाएं।
ऊर्जा परियोजनाओं में भारत की भागीदारी।
भारत ने श्रीलंका के ऊर्जा क्षेत्र में बड़े निवेश किए हैं।
साम्पुर सौर ऊर्जा परियोजना और पवन ऊर्जा विकास परियोजनाओं पर दोनों देशों की सहमति बनी है।
श्रीलंका में ट्रेनिंग और कैपेसिटी निर्माण में भारत का योगदान।
सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं।
भारत-श्रीलंका ऊर्जा ग्रिड इंटरकनेक्शन।
बहु-उत्पाद पाइपलाइन परियोजना।
नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच यात्री नौका सेवा बहाल की गई है।
रामेश्वरम और तलाईमन्नार के बीच सेवा की बहाली पर काम जारी है।
कांकेसंथुराई बंदरगाह के पुनर्वास में भारत का सहयोग शामिल है।
श्रीलंका डिजिटल पहचान परियोजना (SLUDI)।
UPI डिजिटल भुगतान प्रणाली।
डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) का विकास।
दोनों देशों के रिश्ते नई ऊंचाईयों पर
भारत की "पड़ोसी प्रथम" नीति के तहत श्रीलंका को जो भरोसा मिला है, उसने दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। यह सहयोग चीन और पाकिस्तान के लिए झटका साबित होगा, क्योंकि भारत ने श्रीलंका को अपने स्थायी और विश्वसनीय साझेदार के रूप में स्टैब्लिश किया है।
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Last Updated Dec 17, 2024, 7:47 PM IST