नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और उपलब्धि हासिल की है।  नेवी में बार्ज, बाहुबली और भीष्म शामिल हो गए हैं। ठाणे में 28 नवंबर 2024 को 8वें मिसाइल बार्ज 'एलएसएएम 22' (यार्ड 132) की लॉन्चिंग हुई। इसी दिन अंडमान और निकोबार कमांड के एनएसआरवाई (एसवीपी) में 25टी बोलार्ड पुल टीयूजीएस 'भीष्म' (यार्ड 335) और 'बाहुबली' (यार्ड 336) का इंडक्शन समारोह भी आयोजित किया गया था। बार्ज, भीष्म और बाहुबली भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाएंगी और "मेक इन इंडिया" को और मजबूती देंगी। आइए जानते हैं नेवी के इन नए नगीनों की खासियत।

एलएसएएम 22 की खासियत

बार्ज का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक का यूज करके किया गया है। डिजाइनिंग में भारतीय जहाज डिजाइनिंग फर्म ने अहम भूमिका निभाई। विशाखापत्तनम स्थित प्रयोगशाला में मॉडल परीक्षण किया गया। बार्ज को भारतीय नौसेना के संचालनात्मक मानकों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। इन बार्जों का उपयोग भारतीय नौसेना के विभिन्न प्लेटफार्मों पर गोला-बारूद, टारपीडो और अन्य सामग्रियों को चढ़ाने और उतारने के लिए किया जाएगा। यह नेवी के जहाजों को जेटी और बाहरी बंदरगाहों पर सपोर्ट करता है। हाई टेक्नोलॉजी से लैस बार्ज मजबूत और टिकाऊ है, जो इसे भारतीय नौसेना के लिए कठिन क्षेत्रों में यूज के लिए उपयुक्त बनाती है।

भीष्म और बाहुबली की खासियतें

इनका निर्माण मेसर्स टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल), कोलकाता ने भारतीय जहाज डिजाइनिंग फर्म के सहयोग से किया है। यह पूरी तरह 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत बनी हैं। यह परियोजना भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के नौसेना नियमों और विनियमों के अनुसार पूरी की गई है।

जहाजों और पनडुब्बियों की करेंगे मदद

ये टीयूजीएस भारतीय नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों को सीमित जल क्षेत्र में बर्थिंग, अन-बर्थिंग, मोड़ने और पैंतरेबाज़ी के दौरान सहायता प्रदान करेंगे। जहाजों के संचालन में बेहतर नियंत्रण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं। जहाजों को किनारे और लंगरगाह पर आग बुझाने में सहायता करेंगे। इन टीयूजीएस में सीमित खोज और बचाव (Search and Rescue-SAR) संचालन करने की क्षमता भी है। आपातकालीन स्थितियों में यह उपकरण और सहायता प्रदान करने में सक्षम हैं। 25टी बोलार्ड पुल क्षमता इन्हें अत्यधिक बल और खिंचाव में भी बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम बनाती है। आधुनिक डिज़ाइन और तकनीकी श्रेष्ठता इन टीयूजीएस को विशेष बनाती है।

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