Morgan Stanley Emerging Markets India's Dominance: मॉर्गन स्टेनली (MSCI) के उभरते मार्केट इन्वेस्टेबल मार्केट इंडेक्स (IMI) में भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए चीन को पीछे छोड़ दिया है और शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। यह पहली बार है जब भारत चीन को पछाड़ते हुए इस इंडेक्स में टॉप पोजिशन पर पहुंच गया है। आंकड़ों के अनुसार, भारतीय शेयरों की हिस्सेदारी अब 22.27% हो गई है, जबकि चीनी शेयरों की हिस्सेदारी घटकर 21.58% पर आ गई है। हालांकि, पूंजीकरण के मामले में चीन अभी भी भारत से आगे है।

भारत और चीन के कैपिटलाईजेशन का कंप्रेटिव डिटेल 
चीन का कुल कैपिटलाइजेशन 8.14 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है, जबकि भारत का कैपिटलाइजेशन 5.02 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। रिपोर्टों के अनुसार, भारत ने स्टॉक मूल्यांकन के मामले में एक बड़ी छलांग लगाई है, जिससे निवेशकों का भारत की ओर आकर्षण बढ़ा है। इससे भारत में FDI इंन्वेस्टमेंट बढ़ने की भी उम्मीद बढ़ गई है। 

भारत के विदेशी निवेश में उछाल की बढ़ी उम्मीद
मॉर्गन स्टेनली इंडेक्स में भारत के शीर्ष पर पहुंचने से विदेशी पूंजी निवेश में वृद्धि की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2024 तक भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 47% तक की वृद्धि हो सकती है। यह उपलब्धि भारत की मजबूत माइक्रोइकोनॉमिक स्थिति और वित्तीय सुधारों का परिणाम है, जिसने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। इससे भारत की साख और दबदबा इंटरनेशनल मार्केट में बढ़ेगा।

चीन की गिरावट और भारत की प्रगति का हुआ असर
चीन के बाजार में मौजूदा वित्तीय समस्याओं के कारण गिरावट देखी जा रही है। दूसरी ओर, भारत का बाजार स्थिर और मजबूत बना हुआ है, जिसका श्रेय विभिन्न आर्थिक कारकों को जाता है, जैसे कि कच्चे तेल के आयात में कमी और भारतीय कंपनियों के शेयर बाजार में महत्वपूर्ण योगदान। इन सभी कारणों से भारतीय शेयर बाजार में स्थिरता और मजबूती आई है।


ये भी पढ़ें...
मेक इन इंडिया की उड़ान: अब Sukhoi-30 से थर-थर कांपेंगे दुश्मन, ये स्वदेशी कंपनी बनाएगी और पॉवरफुल