नयी दिल्ली। भारत में पहली बार 10 देशों की वायुसेना दो चरणों में 6 अगस्त से 14 सितम्बर तक हवाई अभ्यास करेंगी। उनमें से 6 देश अपने अग्रणी लड़ाकू, परिवहन और हवा में ईंधन भरने वाले विमानों के साथ शामिल होंगे। 20 देश पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हो रहे हैं। 'तरंग शक्ति' हवाई अभ्यास में शामिल होने के लिए 51 देशों को इनवाइट किया गया है। इस अभ्यास में भारत का मुख्य फोकस स्वेदशी क्षमताओं के प्रदर्शन पर होगा।

पहला चरण सुलूर और दूसरा जोधपुर में

वायु सेना के उपप्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह के मुताबिक, 51 देशों को इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अभ्यास में आमंत्रित किया गया था। पर कई देश आंतरिक संघर्षों की वजह से शामिल नहीं हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार, दो चरणों में होने वाले हवाई अभ्यास का पहला चरण 6 से 14 अगस्त तक सुलूर में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और यूके की वायुसेना अपना जौहर दिखाएंगी। जोधपुर में 29 अगस्त से 14 सितम्बर तक दूसरा चरण होगा। उसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, यूएई और बांग्लादेश के विमान आकाश में गरजेंगे।

दुनिया के ये हाईटेक विमान भी हो रहें शामिल

भारत के आकाश में दुनिया 10 देशों के हाईटेक विमान की ताकत देखेगी। उनमें फ्रांस का राफेल, यूएसए का ए-10, एफ-16, एफआरए होगा। उसके अलावा ऑस्ट्रेलिया एफ-18 और बांग्लादेश सी-130 विमान की ताकत दिखाएंगे। यूके और जर्मनी अपने टाइफून विमान के साथ अभ्यास करेंगे, जबकि ग्रीस मैदान में एफ-16 विमान उतारेगा।

दुनिया देखेगी भारत के इन जेट्स की ताकत

भारतीय वायु सेना हवाई अभ्यास में राफेल, मिराज, तेजस, सुखोई और मिग-29 विमानों की पॉवर का प्रदर्शन करेगी। अभ्यास में प्रचंड और रुद्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर के अलावा एएलएच ध्रुव, आईएल-78, सी-130 और एडब्ल्यूएसीएस भी शामिल होंगे। कई देशों के वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारी इस शक्ति प्रदर्शन के साक्षी बनेंगे।

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