नई दिल्ली। भारत एक ऐसा देश है जहां रीति-रिवाज और परंपराएं लोगों की जिंदगी में गहराई से जुड़ी हुई हैं। यहां के लोग कई मान्यताओं का पालन करते हैं जो बाहर से देखने पर अजीब लग सकती हैं, लेकिन स्थानीय लोगों के लिए ये बहुत खास हैं। राजस्थान का देवमाली गांव भी ऐसी ही एक अनोखी मान्यता निभा रहा है। गांव की खासियत है कि यहां के लोग, चाहे वे करोड़पति ही क्यों न हों, कच्चे मकानों में ही रहते हैं।

कहां है देवमाली गांव?

देवमाली गांव राजस्थान के ब्यावर जिले में स्थित है। यह गांव अपने अनूठे रीति-रिवाजों और सादगी के लिए खासा फेमस है। यहां रहने वाले लोग बेहद संपन्न हैं, लेकिन उनकी जीवनशैली परंपराओं से जुड़ी है। गांव में हर कोई मिट्टी से बने कच्चे मकानों में रहता है, जो इस गांव को किसी साधारण गांव से काफी अलग बनाता है।

क्यों रहते हैं लोग कच्चे मकानों में?

देवमाली गांव के लोग भगवान देवनारायण को मानते हैं। मान्यता के अनुसार, भगवान देवनारायण इस गांव में आए थे और ग्रामीणों की सेवा से खुश होकर ग्रामीणों को आशीर्वाद दिया कि यहां हमेशा सुख-समृद्धि और शांति बनी रहेगी। इसके बदले में उन्होंने गांववालों से वादा लिया कि वे अपने घरों की छत को कभी पक्का नहीं बनाएंगे। इस मान्यता के कारण गांव के लोग, चाहे कितने ही अमीर क्यों न हों, आज भी कच्चे मकानों में रहना पसंद करते हैं।

गांव में नहीं पी जाती शराब, घरों में ताले भी नहीं लगते

देवमाली गांव में कोई भी शराब का सेवन नहीं करता और गांव के सभी लोग शाकाहारी हैं। यह शुद्धता और सादगी उनके कल्चर का हिस्सा है। यहां का वातावरण बेहद शांत और स्वच्छ है, जहां लोग हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करते हैं। गांव की एक और खासियत  है कि यहां लोग अपने घरों में ताले नहीं लगाते। लोगों का एक-दूसरे पर इतना भरोसा है कि चोरी की कोई संभावना नहीं होती। यह ट्रेडिशन ग्रामीणों की पारस्परिक विश्वास और सद्भाव का प्रतीक है। हाल ही में एक इंस्टाग्राम अकाउंट @ask_bhai9 ने देवमाली गांव का एक वीडियो शेयर किया है। जिसके जरिए लोगों तक इस गांव की सुंदरता और सादगी पहुंच रही है।

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