Schengen Visa: यूरोपीय संघ के देशों की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के लिए Good News है। अब कोई भी भारतीय नागरिक 5 साल तक के लिए मल्टीपल एंट्री वाले शेंगेन वीजा (Schengen Visa) के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यूरोपीय संघ (EU) ने भारतीयों के लिए वीजा नियमों में बदलाव किया है। यूरोपीय संघ के भारतीय राजदूत हर्वे डेल्फिन ने कहा है कि 18 अप्रैल 2024 को यूरोपीय संघ (EU) ने भारतीय नागरिकों के लिए मल्टीपल एंट्री वीजा जारी करने पर विशिष्ट नियम अपनाएं हैं, जो आज तक लागू वीजा कोड के मानक नियमों की तुलना में अधिक अनुकूल हैं।

 

Schengen Visa को लेकर हुआ क्या बदलाव?
इसमें कहा गया है कि भारत में रहने वाले उन भारतीय नागरिकों के लिए यह नई वीज़ा 'कैस्केड' व्यवस्था लागू की गई है। जो भारत में शेंगेन (short term) वीजा के लिए अप्लाई करते हैं। ये नई वीजा नीति पॉजिटिव ट्रवेल हिस्ट्री वाले यात्रियों के लिए मल्टी-ईयर वैलिडिटी वाले वीज़ा तक आसान पहुंच प्रदान करेगी। यदि उनका पासपोर्ट वैलिडिटी इसकी अनुमति देती है। भारत के लिए अपनाई गई न्यू वीज़ा 'कैस्केड' व्यवस्था के अनुसार, पिछले 3 साल के भीतर 2 वीज़ा प्राप्त करने और वैध रूप से उपयोग करने के बाद भारतीय नागरिकों को अब 2 साल के लिए वैलिड लॉग टर्म मल्टीपल एंट्री शेंगेन वीज़ा जारी किया जा सकता है।

 

शेंगेन वीजा(Schengen Visa) से भारतीयों को क्या होगा फायदा?
यह 90 दिनों के लिए जारी किया गया एक Short Stay यानी कम अवधि वाला वीजा होता है। इससे किसी को भी यूरोपीय देशों में यात्रा करने  की अनुमति मिल जाती है। पहले भारत के लोगों को 3 साल में 2 बार वीजा लेना पड़ता था। परंतु हाल ही में लागू हुए नियमों के मुताबिक भारतीयों को मल्टीपल एंट्री शेंगेन वीजा मिलेगा। इससे वीजा पर आने वाला खर्च कम होगा।

शेंगेन (Schengen) क्षेत्र में आते है कौन-कौन से देश?
शेंगेन वीजा की मदद से आप 180 दिन की अवधि में अधिकतम 90 दिनों के प्रवास के लिए शेंगेन क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकते हैं। बशर्ते आप शेंगेन क्षेत्र में जाकर नौकरी ना कर रहे हों। शेंगेन क्षेत्र में 29 यूरोपीय देश शामिल हैं, जिनमें बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, जर्मनी, एस्टोनिया, ग्रीस, स्पेन, फ्रांस, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, हंगरी, माल्टा, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवेनिया, स्लोवाकिया, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, फिनलैंड और स्वीडन जैसे देश शामिल हैं। 


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