प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में वर्ष 2008 में हुए आतंकी हमले की दसवीं बरसी के मौके पर बड़ा बयान दियाहै। पीएम मोदी ने सोमवार को राजस्थान के भीलवाड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदुस्तान कभी 26/11 को नहीं भूलेगा, हम बस मौके की तलाश में हैं। उन्होंने कहा, मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं। कानून अपना काम करके रहेगा। 

प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ सेना के ताबड़तोड़ अभियान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'आए दिन, कभी बेंगलुरु, कभी हैदराबाद, कभी दिल्ली और कभी जम्मू में बम धमाके होते थे लेकिन हमने आतंकवाद के खिलाफ ऐसे लड़ाई लड़ी है कि उनको कश्मीर की धरती के बाहर निकलना महंगा पड़ रहा है। मौत सामने दिखती है।' 

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इससे पहले, उन्होंने मुंबई हमले के समय की यूपीए सरकार को भी जमकर घेरा। पीएम ने कहा, 'आज 26 नवंबर है, जब दिल्ली में मैडम का राज चलता था। रिमोट कंट्रोल से चलता था। जब महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार थी....महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की सरकार, दिल्ली में भी कांग्रेस की सरकार और ये 26/11, मुंबई में आतंकियों ने हमला करके हमारे देश के अनेक नागरिकों, जवानों को गोलियों से भून दिया था। उस आतंकवाद की भीषण घटना को आज 10 साल हो रहे हैं। मुझे याद है कि जब मुंबई में आतंकवाद की घटना घटी थी उस समय राजस्थान में चुनाव अभियान चल रहा था। उस समय आतंकवाद की इस घटना की कोई आलोचना भी करता था, निर्दोष लोगों को मार दिया, इतना भी कहता था तो राज दरबारी ऐसे उछल पड़ते थे कि बोलने वाले के मुंह में ताले लगा देते थे। वह कहते थे कि यह तो युद्ध है। पाकिस्तान ने हिंदुस्तान पर युद्ध बोला है।' 

पीएम ने कहा, 'उस वक्त कांग्रेस के नेता कहते थे कि ये लोग राजनीति कर रहे हैं। इस समय दिल्ली सरकार के हाथ मजबूत करने चाहिए। आतंकवाद के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। ये बड़े-बड़े उपदेश दे रहे थे। उनके राज दरबारी गाजे-बाजे के साथ कांग्रेस की लिखी हुई कथा को पढ़ते रहते थे। मैं राग दरबारियों से पूछना चाहता हूं कि 10 साल पहले 26 नवंबर को आतंकवाद की इतनी बड़ी घटना घटी, सारी दुनिया हिल गई थी और कांग्रेस उसमें से चुनाव जीतने के खेल खेल रही थी। वहीं कांग्रेस उस समय देशभक्ति के पाठ पढ़ाती थी। लेकिन जब मेरे देश की सेना ने पाकिस्तान को उसके घर में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक किया, आतंकवादियों का हिसाब चुकता कर दिया। एक अखबार ने तो लिखा था कि ट्रकें भर-भरके लाशें ले जानी पड़ रही हैं। जब देश की  सेना ने इतना बड़ा पराक्रम किया, दुश्मन को उसके घर में घुसकर मारा, हर हिंदुस्तानी को गर्व हुआ था। ये देशभक्ति, वीरता, शौर्य और पराक्रम की मिसाल थी। ऐसे समय कांग्रेस ने सवाल उठाया कि वीडियो दिखाओ कि सर्जिकल स्ट्राइक हुआ या नहीं। देश का जवान जब मौत को मुट्ठी में लेकर निकलता है तो हाथ में कैमरा लेकर जाएगा क्या? उस समय उनको देश भक्ति याद नहीं आई। लेकिन 26/11 को ये राग दरबारी कांग्रेसियों से भी ज्यादा उछल करके गीत गाते थे। आज दस साल के बाद उनको जवाब देना पड़ेगा।'  

पीएम मोदी ने कहा, '2014 में जब मैं चुनाव में खड़ा था तो मैंने वादा किया था कि मैं मेहनत करने में कोई कसर नहीं रखूंगा। क्या आपको मेरी मेहनत नजर आती है। आपने कभी सुना है कि मैंने छुट्टी ली, आपने कभी सुना है कि मैं सात दिन कहीं खो गया। मैं हिसाब दे रहा हूं या नहीं। अब वह मेरे काम का हिसाब मांगते हैं। आपके यहां कांग्रेस का नेता आ जाए तो एक-एक को खड़े रखकर हिसाब लेना। 60-65 साल का समय बीत गया, फिर प्रधानसेवक को आपने सेवा करने का मौका दिया। उनकी चार पीढ़ी और चायवाले के चार साल। उनको पूछना कि आपकी चार पीढ़ी जब देश पर राज करती थी...गली से दिल्ली तक आपका ही कारोबार चलता था....पंचायत से पार्लियामेंट तक इन्हीं का राज चलता था। गांव में शौचालय की सुविधा चालीस फीसदी भी नहीं थी। 2014 में मेरे आने से पहले शौचालय की सुविधा 40 फीसदी भी नहीं थी। चार साल में मोदी ने 40 से 95 फीसदी कर दिया। इसे काम कहते हैं या नहीं। 65 साल में 40 फीसदी और चार साल में 95 प्रतिशत इसे काम कहते हैं।'