केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने रविवार को सवाल उठाया कि अगर मनमोहन सिंह सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी तो उसे छुपाकर क्यों रखा गया। कांग्रेस के लिए मंदिर व गाय चुनावी स्टंट हो सकता है लेकिन भाजपा के लिए यह सांस्कृतिक जीवन का हिस्सा है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को उदयपुर में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ‘सैन्य फैसले’ को भी ‘राजनीतिक संपत्ति’ बना दिया जबकि यही काम पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार ने भी तीन बार किया था।

इस बारे में पूछे जाने पर राजनाथ ने यहां कहा, ‘आज बता रहे हैं, तब देश को क्यों नहीं बताया गया ? अगर हमारी सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया था तो क्या देश को इस बात की जानकारी नहीं होनी चाहिए थी। सेना के शौर्य और पराक्रम को छिपाकर रखने की कोशिश क्यों की गई? किसका भय था? मैं इस सवाल का जवाब चाहता हूं।’ 

मंदिर व गाय के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि मंदिर व गाय उनके लिए चुनावी स्टंट हो सकता है लेकिन भाजपा के लिए यह हमारे सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न अंग है। 

उन्होंने कहा, ‘चुनाव लड़े जाने चाहिए लेकिन मुद्दे ऐसे होने चाहिए जो समाज की सामाजिक समरसता को तोड़ने वाले न हों। ये तो आमादा हैं चाहे जैसे भी हो सरकार बने चाहे सामाजिक समरसता तार तार क्यों न हो जाए। मैं कहना चाहूंगा कि राजनीति केवल सरकार बनाने के लिए नहीं होती राजनीति देश बनाने के लिए भी होती है।’ 

इसके साथ ही सिंह ने भरोसा जताया कि पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘मिजोरम में उनकी सरकार थी लेकिन वहां भी गैर कांग्रेसी सरकार बनेगी ऐसा मेरा मानना है।’ 

सांसद असदुद्दीन ओवैसी के इस कथित बयान पर कि ‘इस बार अल्लाह मोदी को हराएंगे, राजनाथ ने कहा, ‘हम किसी भी धर्म के आराध्य से लड़ाई नहीं लड़ सकते। हम लड़ाई ऐसे नहीं लड़ना चाहते। क्योंकि हम लोग जाति पंथ व मजहब के आधार पर राजनीति करने में विश्वास नहीं रखते बल्कि इंसाफ व इंसानियत हमारी राजनीति का आधार है।’ 

हिंदुत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘हिंदू व हिंदुत्व की चर्चा यहां कांग्रेस कर रही है पहले वे इससे बचते नहीं है। हिंदुत्व को जाति मजहब अथवा पंथ से जोडकर नहीं देखा जाना चाहिए यह एक जीवनशैली है यह एक मानवीय धर्म है।’ 

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा, ‘ये लोग हिंदू व हिदुत्व की क्या बात करेंगे? 2007 में रामसेतु मामले में उच्चतम न्यायालय में हलफनामा में खुद ही भगवान राम को काल्पनिक कहा था। अब इन लोगों ने चुनाव में मंदिर दौड़ शुरू कर दी है।’