लंदन में आज से महिला विश्व कर हॉकी का आगाज हो रहा है। विश्व कप के पहले मुकाबले में भारतीय महिला हॉकी का मुकाबला मेजबान इंग्लैंड से होगा। इंग्लैंड की टीम ओलंपिक चैम्पियन है।
अब तक विश्व कप की ट्रॉफी हासिल करने में नाकाम रही भारतीय टीम पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरी है। रानी रामपाल की अगुवाई में विश्व कप में शामिल हो रही इस टीम ने भरोसा दिलाया है कि इस बार इनका प्रदर्शन खास होने जा रहा है।
इस साल आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में महिला टीम ने इंग्लैंड को ग्रुप स्टेज में मात दी थी। भारतीय टीम को इस टूनार्मेंट में ग्रुप-बी में इंग्लैंड, आयरलैंड और अमेरिका के साथ शामिल है। सबसे अधिक बार विश्व कप जीतने वाली नीदरलैंड्स की टीम पूल-ए में शामिल है। भारतीय टीम को केवल एक बार 1974 के पहले विश्व कप में चौथा स्थान हासिल हुआ था। इसके बाद के विश्व कप के मुकाबलों में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
विश्व कप की शुरुआत से पहले भारतीय टीम ने लंदन में काफी प्रैक्टिस की। टीम यहां की परिस्थियों से वाकिफ हो चुकी है। भारतीय टीम अच्छे फॉर्म में भी हैं। भारतीय महिला हॉकी टीम की वर्ल्ड रैंकिंग 10वीं है। टीम में वंदना कटारिया जैसी अनुभवी खिलाड़ी के साथ-साथ नई स्ट्राइकर भी हैं। ऐसे में उनके पास गुरजीत कौर के रूप में अच्छी ड्रैग फ्लिकर हैं, जो विश्व की बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक है। टीम में दीपिका, लालरेमसियामी जैसी खिलाड़ियों के अलावा, अनुभवी गोलकीपर सविता सिंह भी हैं। भारतीय टीम का पहला लक्ष्य नॉक आउट के लिए क्वालिफाई करना होगा। इंग्लैंड के बाद भारतीय टीम का सामना 26 जुलाई को वर्ल्ड नम्बर-16 आयरलैंड और 29 जुलाई को वर्ल्ड नम्बर-7 अमेरिका की टीमों से होगा।
टीम रानी रामपाल पर अकेले निर्भर नहीं कर सकती है। सभी को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ना होगा। भारतीय टीम भले ही पूल स्तर से आगे बढ़ जाए, लेकिन खिताब तक पहुंचने के लिए उसे नीदरलैंड्स, अर्जेंटीना और जर्मनी जैसी मजबूत टीमों की बाधाओं को पार करना होगा।
Last Updated Jul 21, 2018, 11:47 AM IST