अब समय आ गया है कि हमें मान लेना चाहिए कि कश्मीर में जो कुछ हो रहा है वह केवल कश्मीर की आजादी के लिए नहीं हो रहा है बल्कि ये इस्लाम की लड़ाई हिंदू धर्म के लिए हो रही है। ये लड़ाई 1989-92 के दौरान कश्मीरी पंडितों की वहां से विदाई के साथ ही शुरू हो गयी थी। लाखों लोग सड़कों पर अल्लाह ओ अकबर के नारे के साथ उतर आए थे और उन्होंने कश्मीरियों को लूट कर मार दिया और उनकी महिलाओं और बच्चों को निर्दयता के साथ मारा और बलात्कार किया। इस हिंसा की शुरूआत 1947 में हो गयी थी जब धर्म के आधार पर देश का बंटवारा हुआ।