लोकसभा सदन में नेता विपक्ष का पद तो कांग्रेस से दूर चला गया है। इस बार भी ये दर्जा उसे नहीं मिल पाया है। जबकि 2014 में भी विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी विपक्ष के नेता का पद उसे नहीं मिल पाया था। इस बार भी कुछ ऐसा ही है। यही नहीं कांग्रेस के पास लोकसभा में ऐसे नेताओं का अकाल पड़ गया है जो विपक्ष की बात को दमदार तरीके से उठा सके। अभी तक कांग्रेस की तरफ से सबसे ज्यादा मुखर मल्लिकार्जुन खड़गे हुआ करते थे। लेकिन इस बार वह भी कर्नाटक से लोकसभा का चुनाव हार गए हैं।