NewsJan 24, 2019, 1:31 PM IST
- सरेंडर करने के बाद वह 2004 में प्रादेशिक सेना में शामिल हो गए। वह कश्मीर में आतंकवाद के सफाए के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन का हिस्सा थे। उन्हें दो बार सेना मेडल से भी नवाजा गया था।
देवऋषि ने शुरू की 'सदानीरा' पहल: भारत की नदियों के वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संरक्षण की मुहिम
Oshmin Foundation: ग्रामीण भारत में मानसिक शांति और प्रेरणा का एक नया प्रयास, CSR का एक उत्कृष्ट उदाहरण
बैंक, टैक्स, गैस और टोल… 1 अप्रैल से आपकी जिंदगी में आ गए ये 10 बड़े बदलाव!
Real-Life Hero: साड़ी ने बचाई 150 जिंदगियां! जानिए 70 साल की इस महिला की अविश्वसनीय कहानी
गर्भवती होते हुए भी क्रैक किया UPSC! पद्मिनी सेहरावत के UPSC सफर की कहानी जो आपको भी करेगी प्रेरित