असल में राज्य में होने वाले विधानसभा उपचुनाव की झलक कैबिनेट विस्तार में देखने को मिली है। इसमें सबसे ज्यादा फायदा ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों को मिला है। जबकि पार्टी ने पुराने नेताओं को कैबिनेट से दूर रखकर सिंधिया समर्थकों को शामिल किया है।