तकरीबन डेढ़ साल बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं और उत्तराखंड में नौकरशाही का हाल कुछ ऐसा ही है जो बीस साल पहले हुआ करता था। सरकार चाहे किसी भी आए, लेकिन सरकार नौकरशाह ही चलाते थे। लिहाजा सीएम रावत अच्छी तरह से जानते हैं कि विपक्षी दल दागदार नौकरशाही को मुद्दा बना सकते हैं। लिहाजा राज्य के विवादित अफसरों को जोर का झटका धीरे से देने की कोशिश कर रहे हैं।