धार्मिक समानता के शंखनाद ने हिन्दू महिलाओं को अपनी आवाज़ बुलंद करने की पूरी आज़ादी दी है, पर बाकी धर्मो की महिलाओ के साथ आज भी भेदभाव हो रहा है। उनकी आज़ादी के शिगूफे कागज़ों में ही रह गए हैं। महिलाओं के मान और सम्मान की जब बात आती है इन धर्मों की कथनी और करनी में भारी विभेद नजर आता है। ईसाई धर्म में तो ये भेद भाव सारी हदें तोड़ गया है।