राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों के आंदोलन के दौरान सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने जमकर शब्दों के बाण चलाए। प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘पॉकेटमार’ जैसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया। लेकिन ऐसा करते हुए येचुरी अपनी ही पार्टी के पापों को भूल गए। जब पश्चिम बंगाल में वामपंथी शासन के तीन दशकों में किसानों और भूमिहीन मजदूरों को भारी संकट का सामना करना पड़ा था।