Amarnath Yatra 2024: बाबा अमरनाथ का दर्शन करने के लिए हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु हिमालय की ओर जाते हैं। इस बार अमरनाथ यात्रा 29 जून 2024 से शुरू हो रही है, जो कि 19 अगस्त 2024 तक चलेगी। 52 दिनों तक चलने वाली एक कठिन यात्रा दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ के पवित्र गुफा मंदिर तक की जाने वाली एक प्रतिष्ठित हिंदू तीर्थयात्रा है।

कहां है बाबा अमरनाथ की गुफा?
जम्मू काश्मीर के पहलगाम से 29 किमी. की दूरी पर स्थित यह गुफा ग्लेशियरों, बर्फीले पहाड़ों से घिरी हुई है और गर्मियों में एक स्माल पीरियड को छोड़कर, जब यह तीर्थयात्रियों के लिए खुली होती है, साल के अधिकांश समय बर्फ से ढकी रहती है। कई भक्तों के लिए, गुफा के भीतर स्थापित प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग को देखना जीवन भर का सपना होता है।

अमरनाथ यात्रा के लिए हेलीकाप्टर सुविधा उपलब्ध
जो लोग हवाई यात्रा के जरिए अमरनाथ दर्शन करना चाहते हैं, उनके लिए बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं। उत्तरी कश्मीर बालटाल मार्ग के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं नीलग्रथ-पंजतरणी-नीलग्राथ सेक्टर पर संचालित होंगी, जबकि पहलगाम मार्ग के लिए सेवाएं पहलगाम-पंजतरणी-पहलगाम सेक्टर पर उपलब्ध होंगी। इस वर्ष भक्त आसानी से SASB की आधिकारिक वेबसाइट: https://jksasb.nic.in/ से सीधे अपने हेलीकॉप्टर टिकट बुक कर सकते हैं। बुकिंग पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर की जाएगी।

हेलीकाप्टर का रूट और किराया
पहलगाम से पंजतरणी: एकतरफ़ का किरया 4,900 रुपए लगेगा। अपडाउन दोनों के लिए 9,800 रुपए देने पड़ेंगे। 
नीलग्रथ से पंजतरणी: एकतरफ़ का किराया 3,250 लगेगा। अपडाउन दोनों के लिए 6,500 पे करने पड़ेंगे। 

अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां
हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वाले भक्तों को SASB  की गाइडलाइन के अनुसार अथाराईज्ड डॉक्टरों द्वारा जारी अनिवार्य हेल्थ सार्टिफिकेट (CHC) बनवाना होगा और ओरिजनल आईडेटिंफिकेशन कार्ड रखना होगा।  श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) के अनुसार इस साल अमरनाथ यात्रा 2024 के लिए बुकिंग 15 अप्रैल से शुरू हो गई थी।

गुफा मंदिर तक जाने के लिए हैं दो मुख्य मार्ग 
1. पहलगाम मार्ग: यह 32 किमी का रास्ता जिसे मध्यम रूप से कठिन माना जाता है, एक सुंदर हिल स्टेशन पहलगाम से शुरू होता है। घास के मैदानों और जंगलों के माध्यम से चढ़ाईयुक्त ये रास्ता है। 
2. बालटाल मार्ग: अधिक चुनौतीपूर्ण माना जाने वाला 15 किमी का यह मार्ग बालटाल से शुरू होता है। हालांकि यह छोटा है, इसमें चढ़ाई ज्यादा है और इसके लिए हाई लेवल के फिटनेस की आवश्यकता होती है।


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