Barnevita Is Not A Health Drink:बच्चों के बीच लोकप्रिय पेय पदार्थ बॉनविटा से हेल्थ ड्रिंक का टैग छिन गया है। भारत के वाणिज्य उद्याेग मंत्रालय ने बुधवार को सभी ई-साइटों से कहा था क इस बाॅर्नविटा समेत इस तरह के अन्य पेय पदार्थों को हेल्थ ड्रिंक की श्रेणी से बाहर करे। जिसकी प्रमुख वजह इस पेय पदार्थ में जरूरत से मात्रा चीनी का उपयोग पाया गया है। करनाइसमें कहा गया था कि बॉर्नविटा की प्रत्येक खुराक में 7.5 ग्राम अतिरिक्त चीनी होती है, जो लगभग डेढ़ चम्मच है। आज हम बता रहे हैं कि आखिर चीनी अधिक यूज करने से बच्चों के स्वाथ्य पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ता है। 

चीनी बढ़ते बच्चों को कैसे प्रभावित करती है?
बार्नविटा में चीनी की मात्रा अधिक होने की वजह से उसे हेल्थ ड्रिंक की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार बढ़ते बच्चों को उनकी मांसपेशियों, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और स्वस्थ वसा की आवश्यकता होती है। उनकी मांसपेशियों, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र का विकास होता है।

चीनी के अधिक सेवन से मोटापा, शुगर का भी बढ़ जाता है खतरा
अधिक चीनी के सेवन से मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। खासकर बच्चों में उम्र बढ़ने के कारण। डॉक्टरों का कहना है कि बहुत अधिक चीनी मोटापे और अतिरिक्त वजन बढ़ने के अलावा जोड़ों के दर्द, गठिया और फैटी लीवर रोग का कारण बन सकती है। भूख कम लगती है। इंसूलिन और लेप्टिन प्रतिरोध दोनों से वजन बढ़ने लगता है। दांतों में सड़न का खतरा भी बढ़ जाता है। 

चीनी के अधिक सेवन से प्रभावित होता है मस्तिष्क विकास
अधिक चीनी खाने से बच्चों के मस्तिष्क के विकास पर भी असर पड़ सकता है। मस्तिष्क को ग्लूकोज से ऊर्जा मिलती है। उनके सोचने, सीखने की क्षमता कम होने लगती है। अध्ययनों के अनुसार अत्यधिक चीनी सेवन से अवसाद और चिंता होती है।

चीनी के अधिक सेवन से आती है नींद की समस्या
चीनी वाला आहार भी अनिद्रा जैसी नींद की समस्याओं का कारण बनता है, जो बच्चे की सोचने और सीखने की क्षमता को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए चीनी का सेवन बहुत सोच समझ करने की सलाह दी जाती है। 

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